अश्विन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि शुक्रवार पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का आलौकिक शृंगार हुआ। इस दौरान बाबा महाकाल को मुंडमाला पहनाकर देवी स्वरूप में सजाया गया और फूलों की माला से शृंगार किया गया। जिसने भी इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया वह देखते ही रह गया। आज भक्तो को दर्शन देने के लिए बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। जिसके बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि अश्विन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि यानी की नवरात्रि के आठवें दिन पर बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। आज बाबा महाकाल का मावे से देवी स्वरूप मे शृंगार किया गया और मुंडमाला के साथ आभूषण पहनाकर सजाया गया। फिर महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। श्रद्धालुओं ने इस दौरान बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।
मंदिर को भेंट की प्रिन्टर सामग्री
भगवान श्री महाकाल की सेवा में भक्त गण अनेक अवसरों पर स्वर्ण – रजत, आभूषण के साथ-साथ ही मन्दिर के उपयोग में आने वाली अन्य सामग्री आदि भी भेंट करते हैं। इसी क्रम में लखनऊ, उत्तरप्रदेश के श्रद्धालु भगवान श्री महाकाल के दर्शन के लिए पधारे एवं मंदिर की व्यवस्थाओं से अत्यन्त प्रसन्न हुए। उन्होंने इक्कीस हज़ार की प्रिंट सामग्री (प्रिंट रोल) मंदिर को भेँट की।
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