पोवार ने बुधवार को मुंबई स्थित बीसीसीआई मुख्यालय में सीईओ राहुल जौहरी और जीएम (क्रिकेट ऑपरेशंस) सबा करीम से मुलाकात की थी। उन्होंने महिला टी-20 विश्व कप को लेकर बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
महिला टी-20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में मिताली राज को आखिरी-11 का हिस्सा नहीं बनाए जाने के बाद से भारतीय क्रिकेट में शुरू हुई कॉन्ट्रोवर्सी थमने का नाम नहीं ले रही। ताजा मामले में टीम के कोच रमेश पोवार ने मिताली राज को नखरेबाज, अराजकता फैलाने वाली और सिर्फ अपने लिए खेलने वाली खिलाड़ी बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मिताली ने टूर्नामेंट बीच में ही छोड़कर स्वदेश लौटने की धमकी दी थी। पोवार के इस आरोप पर मिताली ने गहरा दुख जताया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझ पर लगाए गए आरोपों से मैं दुखी हूं। खेल के प्रति मेरा समर्पण और देश के लिए 20 साल तक खेलना। कड़ी मेहनन, पसीना बहाना, सब व्यर्थ गया। आज मेरी देशभक्ति पर संदेह किया गया। मेरे कौशल क्षमता पर सवाल उठाए गए। सब कुछ मिट्टी में मिल गया। यह मेरे जीवन का सबसे खराब दिन है। ईश्वर मुझे शक्ति दे।’
पोवार ने अपनी रिपोर्ट में मिताली को गैर जिम्मेदार खिलाड़ी बताते हुए कहा है, ‘मुझे उम्मीद है कि मिताली ब्लैकमेलिंग करना, कोच पर दबाव डालना और टीम की बजाय अपने हितों के बारे में सोचना बंद करेंगी।’
उन्होंने कहा कि मिताली को निचले क्रम में उतराने का फैसला उनसे बातचीत के बाद लिया गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने भ्रम फैलाया।उन्होंने बताया, ‘पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले वीडियो एनालिस्ट पुष्कर सावंत मेरे कमरे में आए।’
पोवार ने कहा, सावंत ने मुझे बताया कि फील्डिंग कोच बीजू जॉर्ज ने उनसे कहा है कि मिताली अपने बैटिंग ऑर्डर को लेकर अपसेट है। सुबह रिटायरमेंट की घोषणा के साथ ही उसने अपना बोरिया-बिस्तर बांध लिया है। उसने वर्ल्ड कप बीच में ही छोड़ने की धमकी दी है।
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ‘मैं मिताली के रवैये से बहुत दुखी था। उनकी इस हरकत के कारण मैं यह सोचने पर मजबूर हुआ कि क्या मिताली भारत से भी बढ़कर हैं। यही नहीं, मिताली ने काफी नखरे दिखाए और बहुत अराजकता पैदा की।’
टी-20 महिला विश्व कप में मिताली को इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में आखिरी एकादश में नहीं रखा गया था। यह मैच भारत 8 विकेट से हार गया। इसके बाद मिताली की मैनेजर ने टीम की कप्तान हरमनप्रीत को झूठी और चालाक बताया।
दो दिन पहले ही मिताली राज का एक पत्र सामने आया, जो उन्होंने बीसीसीआई को लिखा था। इसमें उन्होंने पोवार पर खुद को अपमानित करने और करियर तबाह करने का आरोप लगाया था।
मिताली के मुताबिक, नेट्स पर जब दूसरे अभ्यास कर रहे होते तो कोच मौजूद रहते, लेकिन जैसे ही वे बल्लेबाजी के लिए जातीं, पोवार वहां से चले जाते थे। इस आरोप पर पोवार ने लिखा, मैंने सिर्फ इतना कहा था कि समय बर्बाद करने के बजाय होटल में आराम करो।
पोवार ने लिखा, वे अपनी जिम्मेदारी नहीं समझती थीं। वे टीम प्लान का भी पालन नहीं करती थीं। वे निजी उपलब्धियों के लिए खेल रही थी। वे फिटनेस इश्यू के कारण मैदान पर इनर सर्कल के बाद के ऑउटसाइड में फील्डिंग नहीं करती थीं।
कहां से शुरू हुआ था विवाद
टी-20 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिताली टीम में थीं, लेकिन पांच बल्लेबाजों के आउट होने के बावजूद उन्हें बल्लेबाजी के लिए नहीं भेजा गया, जबकि टीम में वे ओपनर के तौर पर शामिल की गई थीं। इस मैच में हरमनप्रीत ने शतक लगाया था। भारत ने मैच जीता था।
पाकिस्तान के खिलाफ दूसरे मुकाबले में मिताली ने ओपनिंग की और 56 रन बनाए। हरमनप्रीत 14 रन पर आउट हो गई थीं। भारत ने ये मैच जीत लिया।
तीसरे टी-20 में आयरलैंड के खिलाफ भी मिताली ने फिफ्टी लगाई। हरमनप्रीत इस मैच में 7 रन ही बना पाई थीं। ये मैच भी भारत जीता था।
इसके बाद टीम ऑस्ट्रेलिया से भिड़ी। इस मैच में मिताली को बाहर रखा गया। मंधाना और हरमनप्रीत की पारियों की बदौलत मैच भारत ने जीता।
ओपनिंग नहीं मिलने पर मिताली राज पर कोचों को ब्लैकमेल करने का आरोप
इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल से भी मिताली को बाहर रखा गया। भारतीय टीम 112 रन पर ऑल आउट हो गई। इंग्लैंड ने मुकाबला जीत लिया।
पांच मैच में से तीन में मिताली ने बल्लेबाजी नहीं की। इसके बावजूद वे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले टॉप-4 भारतीय बल्लेबाजों में रहीं। उन्होंने 2 मैचों में 107 रन बनाए। हरमनप्रीत ने पांचों मैच में बैटिंग की और 183 रन बनाए। सेमीफाइनल मैच में मिताली को टीम से बाहर रखने पर विवाद शुरू हुआ।