बैंक यूनियनों ने 31 जनवरी और 1 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। दो फरवरी को रविवार होने के कारण बैंकों में अवकाश है। इस वजह से तीन दिन तक बैंकों में ताला लटका रहेगा। राजधानी के 17 बैंकों की 400 शाखाओं के 5000 हजार कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में हिस्सा लेंगे। प्रदेश की 2500 शाखाओं के 15000 कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।
राजधानी के मोतीबाग पंजाब बैंक के पास सभी कर्मचारी शुक्रवार की सुबह 10 बजे हड़ताल पर शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि हड़ताल के कारण प्रदेश के लाखों अधिकारी, कर्मचारी और पेंशनरों को जनवरी का वेतन और पेंशन मिलने में देरी होगी। बैंककर्मी लंबित मांगों का निराकरण नहीं करने से नाराज हैं। बैंक यूनियनों ने एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी है।
एटीएम में भी किल्लत, नेट बैंकिंग सहारा
लगातार तीन दिनों तक बैंक बंद रहने की स्थिति में कामकाज पर बड़ा असर पड़ने वाला है। एटीएम में भी कैश की किल्लत बढ़ सकती है। हालांकि हड़ताल के दौरान नेट बैंकिंग के सामान्य रूप से काम करने की संभावना है।
बैंक अधिकारियों का कहना है कि हड़ताल के दौरान किसी तरह की उपभोक्ताओं को दिक्कत का सामना न करना पड़े इसके लिए उन्हें जानकारी दे दी गई है। मैसेज और फोन के माध्यम से बैंक बंद होने की जानकारी दी गई।
अप्रैल में आठ दिन बंद रहेंगे बैंक
बैंक यूनियनों ने अप्रैल में भी अनिश्चतकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। लगातार 3 दिन 11, 12 और 13 मार्च को भी बैंक ने हड़ताल करने का निर्णय लिया है। मार्च में होली और अन्य छुट्टी को मिलाकर करीब आठ दिन बैंक बंद रहने के आसार हैं।
यूनियन की ओर से जारी सूचना के अनुसार अगर मांगें पूरी नहीं होती हैं तो बैंक कर्मचारी एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे।
ये हैं मांगें
– वेतन में कम से कम 20 फीसदी की वृद्धि की जाए
– हफ्ते में पांच दिन ही हो काम
– बेसिक पे में स्पेशल भत्ते का विलय हो
– एनपीएस को खत्म किया जाए
– परिवार को मिलने वाली पेंशन में सुधार
– स्टाफ वेलफेयर फंड का परिचालन लाभ के आधार पर बांटना
– रिटायर होने पर पेंशन को समय के अनुसार परिवर्तित करना