बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के परीक्षा शुल्क में इजाफे के फैसले का विरोध किया है. उन्होंने इसे जातिवादी और गरीब विरोधी करार देते हुए फैसले को वापस लेने की मांग की है. मंगलवार को ट्वीट करते हुए मायावती ने कहा कि अभी हाल ही में CBSE ने 10वीं व 12वीं के लिए परीक्षा शुल्क में जो 24 गुना तक का इजाफा किया है, जिसके तहत अब एस.सी.-एस.टी. छात्रों को 50 रुपये के स्थान पर 1200 रुपये देने होंगे.
इसी प्रकार सामान्य वर्ग के छात्रों के शुल्क में भी दोगुनी बढ़ोतरी की गई है. ट्वीट में मायावती ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, जातिवादी व गरीब विरोधी फैसला है. सीबीएसई इसे तत्काल वापस ले. पिछले दिनों सीबीएसई ने एससी/एसटी छात्रों के लिए परीक्षा शुल्क में वृद्धि करने का निर्णय लिया है.
एससी/एसटी छात्रों को अब 50 रुपए की जगह 1200 रुपए शुल्क देना होगा. अनुसूचित जाति (एसी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा शुल्क में 24 गुना बढ़ोतरी की गई है. सामान्य वर्ग के छात्रों के फीस में भी दो गुनी वृद्धि की गई है. अब उन्हें 750 रुपए की जगह 1500 रुपये शुल्क चुकाना होगा.
10वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को नवीं कक्षा में और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए 11वीं कक्षा में रजिस्ट्रेशन करना होता है. जब इस शुल्क वृद्धि पर सवाल उठे तो सीबीएसई की तरफ से सफाई दी गई कि उसने इतनी फीस नहीं बढ़ाई है. सीबीएसई अब तक सभी वर्ग के विद्यार्थियों से 750 रुपए ही लेता था.