प्रशासन, नगर निगम और पुलिस प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे माफियाओं के खिलाफ चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन क्लीन’ को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें आरोप है कि अफसर मनमाने तरीके से चिन्हित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। कानून का पालन नहीं हो रहा है। इस ऑपरेशन की वजह से शहर में भय का वातावरण बन गया है। कोर्ट ने शासन, प्रशासन, निगम और पुलिस प्रशासन को नोटिस जारी कर पूछा है कि ‘ऑपरेशन क्लीन’ किस कानून और नियम के तहत चलाया जा रहा है।
याचिका राजेंद्र कुमार अग्रवाल ने एडवोकेट आनेंद्रसिंह परिहार के माध्यम से दायर की है। इसमें कहा है कि जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम मिलकर ऑपरेशन क्लीन के नाम से शहर में तोड़फोड़ का अभियान चला रहे हैं। याचिकाकर्ता इस अभियान के खिलाफ नहीं हैं लेकिन वे चाहते हैं कि जो भी कार्रवाई हो, वह कानून के दायरे में रहकर की जाए। अफसर मनमाने तरीके से कार्रवाई कर रहे हैं। चिन्हित लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। मीडिया में इसका जमकर प्रचार-प्रसार हो रहा है।
जिन निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही, वे एक दिन में नहीं बने। ऐसी इमारतों के निर्माण में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से निगम के अफसरों ने भी मदद की है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला ने याचिकाकर्ता के आरंभिक तर्क सुनने के बाद प्रशासन, निगम और पुलिस प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट अब मामले में फरवरी के पहले सप्ताह में सुनवाई करेगी।
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