आमतौर पर ऐसा माना जाता है यदि पहली बार सेक्स के दौरान महिलाओं को ब्लीडिंग नहीं हुई तो वे वर्जिन नहीं है। बहुत लंबे समय से यह मान्यता चली आ रही थी लेकिन हाल में हुए रिसर्च से पता लगता है कि इनका कोई ठोस आधार नहीं था। 
मेडीकल साइंस में भी ये प्रूफ हो चुका है कि सेक्स के दौरान ब्लीडिंग ना होना वर्जिन का साइन नहीं है। बल्कि ऐसे बहुत से कारण हैं जिनकी वजह से महिलाओं को पहली बार सेक्स के दौरान ब्लीडिंग नहीं हो सकती है। दरअसल, स्त्रियों में पहली बार सेक्स के दौरान ब्लीडिंग का कारण उनके प्राइवेट पार्ट में मौजूद हाइमन का रप्चर होना है। लेकिन जरूरी नहीं कि ऐसा हर महिला के साथ हो।
कई महिलाओं में हाइमन जन्म से ही नहीं होता। तो कई महिलाओं में ये लेयर काफी लचीली होती है जिससे सेक्स के दौरान भी रप्चर नहीं होता। जबकि कुछ महिलाओं को इस बारे में पता भी नहीं होता। कई बार महिलाओं के अधिक स्पोट्र्स में रहने, डांसिंग करने, घुड़सवारी करने या बाइक-स्कूटर चलाने जैसी चीजों से भी हाइमन पहले ही रैप्चर हो जाता है।
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महिलाओं के बारे में ये पता लगाना कि वो वर्जिन है या नहीं तब तक नहीं पता लगाया जा सकता, जब तक महिलाएं खुद इस बात को स्वीकार ना कर लें या फिर वे प्रेग्नेंट ना हो जाए। रिसर्च में भी ये बात साफ हो चुकी है कि लगभग 42 फीसदी महिलाओं को ही पहली बार सेक्स के दौरान ब्लीडिंग होती है। अब आप कभी भी अपनी पार्टनर पर इस बात को लेकर संदेह ना करें कि वो वर्जिन है या नहीं।
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