माता वैष्णो देवी के भक्तों के लिए एक खुशखबरी आई है। तीर्थ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की सीमा एक नवंबर से 7000 से बढ़कर 15000 प्रतिदिन हो गई है। इससे पहले कोरोना की वजह से केवल 7000 लोगों को ही माता के दर्शन की अनुमति दी गई थी।

बता दें कि नवरात्र के नौ दिनों के दौरान 36 हजार से अधिक श्रद्धालुओंं ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के त्रिकुटा की पहाड़ी पर स्थिति माता वैष्णो देवी के दर्शन किये थे। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि अब भक्तों का रुझान देखते हुए हालात जल्द सामान्य होने की संभावना है।
श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के गठन के बाद पहली बार शारदीय नवरात्र में कोरोन महामारी के चलते श्रद्धालुओं की अब तक की सबसे कम संख्या रिकॉर्ड की गई। नहीं तो ये संख्या लाखों में होती थी।
अधिकारियों ने बताया कि नवरात्र के दौरान श्राइन बोर्ड ने पवित्र गुफा के पास तीर्थ यात्रियों के लिए समुचित व्यवस्था की गई थी। बोर्ड ने यहां पर 24 घंटे पानी और बिजली की आपूर्ति के साथ ही सेनिटाइजर, दवाइयों तथा फास्ट फूड से संबंधित दुकानों की व्यवस्था कर रखी थी।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में शारदीय नवरात्र पर 242805, 2017 में 302057, 2018 में 318753 और 2019 में 364254 भक्तों ने माता वैष्णो देवी के दर्शन किए थे। अब तक नवरात्र के अवसर पर भक्तों की सबसे अधिक संख्या वर्ष 2019 में रही है।
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