कार्तिक पूर्णिमा अंतिम अवसर है इस पवित्र माह का जब एकसाथ समस्त देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है। यूं भी पूनम मां लक्ष्मी को अत्यन्त प्रिय है। इस दिन मां लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में खुशियों की बहार आती है।
पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का पीपल के वृक्ष पर निवास रहता है। पूर्णिमा के दिन जो भी जातक मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाता है उस पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
कार्तिक पूर्णिमा के गरीबों को चावल दान करने से चन्द्र ग्रह शुभ फल देता है।
इसी तरह शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद व गंगाजल मिला कर चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते है।
मात्र एक ही दिन खुलता है भगवान कार्तिकेय का मंदिर, होती है मन्नत पूरी
कार्तिक पूर्णिमा को घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों का तोरण बांधें।
शादीशुदा व्यक्ति पूर्णिमा के दिन भूलकर भी अपनी पत्नी या अन्य किसी से शारीरिक संबंध न बनाएं वरना चंद्रमा के दुष्प्रभाव आपको व्यथित करेंगे। इस दिन पत्नी या किसी नन्ही बच्ची को उपहार दें।
पूर्णिमा पर चन्द्रमा के उदय होने के पश्चात खीर में मिश्री व गंगा जल मिलाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाएं।
द्वार पर रंगोली जरूर बनाएं। इससे विशेष समृद्धि के योग बनते हैं। नवग्रह प्रसन्न होते हैं।