हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व है. साल में आने वाली दो मुख्य नवरात्रि चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि के बारे में तो हर कोई जानता है लेकिन इसके अलावा तीन और नवरात्रि मनाई जाती हैं. ये हैं पौष गुप्त नवरात्रि, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, और माघ गुप्त नवरात्रि.
माघ माह में पड़ने वाली नवरात्रि को माघ गुप्त नवरात्रि कहते हैं. इस बार माघ गुप्त नवरात्रि की शुरूआत 12 फरवरी से यानी आज से हुई है. इस नवरात्रि को शिशिर नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है.
घट स्थापना मुहूर्त: सुबह 8 बजकर 34 मिनट से 9 बजकर 59 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक
मां दुर्गा की प्रतिमा को एक साफ पटरी पर स्थापित करें और मां को लाल रंग की चुनरी पहनाएं. नारियल, फल और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं. मां के लिए लाल फूल सर्वोत्तम होता है पर मां को आक, मदार, दूब और तुलसी बिलकुल न चढ़ाएं. दीपक जलाकर ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
मां को दोनों वेला भोग भी लगायें , सबसे सरल और उत्तम भोग है लौंग और बताशा. पूजा में शामिल सभी लोगों को प्रसाद दें. पूरे नौ दिन अपना खान पान और आहार सात्विक रखें.
एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर मां की मूर्ति या प्रतिकृति की स्थापना करें. मां के समक्ष एक बड़ा घी का एकमुखी दीपक जलाएं. सुबह और शाम मां के विशिष्ट मंत्र का 108 बार जप करें. मंत्र होगा – “ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे.” तंत्र मंत्र की साधना करने वाले लोग माघ गुप्त नवरात्रि में आधी रात में मां दुर्गा की पूजा करते हैं.