पश्चिम बंगाल में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर अपने दौरे के तहत प्रधानमंत्री मोदी हुगली पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आपका उत्साह कोलकाता से दिल्ली के लिए एक संदेश भेज रहा है। अब पश्चिम बंगाल ने परिवर्तन के लिए अपना मन बना लिया है।
प्रधानमंत्री ने राज्य की तृणमूल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की अब तक की सरकारों ने इस ऐतिहासिक क्षेत्र को अपने हाल पर ही छोड़ दिया। यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर को, यहां की धरोहरों को बेहाल होने दिया गया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम भवन, जहां बंकिम चंद्र चटर्जी पांच साल रहे, वो बहुत बुरी हालत में है।
उन्होंने कहा कि ये वो भवन है जहां उन्होंने वंदे मातरम की रचना को लेकर मंथन किया। वो वंदे मातरम जिसने आजादी की लड़ाई में नए प्राण फूंके। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी तो हर बंगालवासी अपनी संस्कृति का गौरवगान बिना किसी के डर के कर सकेगा।
उन्होंने कहा कि हम ऐसा बंगाल बनाएंगे जो टोलाबाजी से मुक्त होगा और रोजगार व स्वरोजगार से युक्त होगा। उन्होंने कहा कि मां माटी और मानुष की बात करने वाले लोग बंगाल के विकास के सामने दीवार बनकर खड़े हो गए हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी राज्य को कई परियोजनाओं की सौगात देंगे। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। ममता आज हुगली में प्रधानमंत्री द्वारा कई रेलवे परियोजनाओं के उद्घाटन समारोह से दूर रहेंगी। इससे पहले भी उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम से दूरी बनाई थी।
सात फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल के हल्दिया में तेल, गैस, और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की चार परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निमंत्रण दिया गया था लेकिन वे इसमें शामिल नहीं हुई थीं। ऐसा उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री की मौजूदगी में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए ‘जय श्री राम’ के नारे की वजह से किया था। उन्होंने इसे अपना अपमान बताया था।
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