पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी बुधवार को एनडीए के साथ अपने गठबंधन को तोड़ते हुए आरजेडी के नेतृत्व वाली महागठबंधन में शामिल हो गए. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मांझी ने महागठबंधन में शामिल होने का औपचारिक ऐलान किया.
जीतन राम मांझी के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल होने के फैसले पर बोलते हुए जेडीयू ने कहा है कि जीतन राम मांझी के महागठबंधन में शामिल होने से तेजस्वी यादव को ज्यादा खुश नहीं होना चाहिए. मांझी की तुलना एक सड़े हुए सेब करते हुए जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि जब टोकरी का एक सेब सड़ जाता है तो उसे निकाल देना चाहिए.
संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को अपनी कुर्सी देते हुए मुख्यमंत्री बनाया था मगर इसके बावजूद भी मांझी नीतीश के नहीं हुए. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि जो व्यक्ति नीतीश कुमार का नहीं हुआ वह आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का भी नहीं होगा क्योंकि जीतन राम मांझी केवल अपना स्वार्थ देखते हैं. तेजस्वी पर तंज कसते हुए संजय सिंह ने कहा कि उन्हें जीतन राम मांझी के रूप में जयचंद मुबारक हो.
वहीं दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर की घटना में जहां पर 9 मासूम बच्चों को बीजेपी नेता मनोज बैठा ने अपनी गाड़ी से कुचल दिया था और 4 दिनों तक फरार हो गया था, पर बोलते हुए संजय सिंह ने कहा था कि 2016 में आरजेडी विधायक राजबल्लभ यादव ने एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया था और उसके बाद वह भी 1 महीने तक फरार रहा था. जेडीयू प्रवक्ता ने सवाल पूछा कि तेजस्वी यादव को यह बताना चाहिए कि उस वक्त उपमुख्यमंत्री थे तो क्या उन्होंने राजबल्लभ यादव को भगाने में मदद की थी? गौरतलब है कि, तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर आरोप लगाया था कि मनोज बैठा के फरार होने में उन्होंने मदद की थी और इसी का जवाब देते हुए संजय सिंह ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा.
हालांकि, बुधवार को पुलिस के सामने मनोज बैठा ने आत्मसमर्पण कर दिया. जेडीयू ने कहा कि 2016 में भी बिहार में कानून का राज था और 2018 में भी ऐसा ही है और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ना किसी को बचाती है ना किसी को फंसाती है.