MS Dhoni की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2011 में 28 वर्ष के बाद दूसरा वनडे विश्व कप खिताब जीता और ये भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए कभी नहीं भूलने वाला पल था। धौनी ने 2007 में टी20 विश्व कप खिताब जीता था और उसके बाद इस सफलता की वजह से वो भारत के सबसे सफलतम कप्तान भी बने। धौनी की इस दोनों जीत में जो एक बात कॉमन थी वो ये कि दोनों ही बार फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने शानदार पारी अपने देश के लिए खेली थी। 
गंभीर अच्छी पारी के बावजूद नहीं बने मैन ऑफ द मैच
गौतम गंभीर ने टी 20 विश्व कप फाइनल 2007 में 75 रन की पारी खेली थी, लेकिन मैन ऑफ द मैच बने थे इरफान पठान जिन्होंने 16 रन देकर तीन विकेट लिए थे तो वहीं 2011 वनडे विश्व कप फाइनल में गंभीर ने 97 रन की पारी खेली थी, लेकिन मैन ऑफ द मैच धौनी को चुना गया जिन्होंने नाबाद 91 रन की पारी खेली थी। वैसे गौतम गंभीर धौनी के कई फैसलों पर पहले भी सवाल उठा चुके हैं जैसे कि 2012 में ऑस्ट्रेलिया में खेले गए सीबी सीरीज के लिए उन्होंने अपनी रोटेशन नीति के तहत सचिन, सहवाग व उन्हें ड्रॉप कर दिया था। अब गंभीर ने बताया कि 2011 विश्व कप फाइनल में किस तरह से धौनी की सलाह की वजह से वो अपना शतक पूरा नहीं कर पाए।
धौनी ने भंग किया मेरा ध्यान
गंभीर ने बताया कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि जब में फाइनल में 97 के स्कोर पर पहुंच चुका था तब मैं अपने व्यक्तिगत स्कोर के बारे में नहीं सोच रहा था। मेरा ध्यान पूरी तरह से उस टारगेट पर था जो श्रीलंका ने हमें दिया था। मुझे याद है कि जब ओवर खत्म हुआ तब मैं और धौनी क्रीज पर थे। उन्होंने मुझसे कहा कि सिर्फ तीन रन बचे हैं और तुम ये तीन रन पूरे कर लो और तुम्हारा शतक पूरा हो जाएगा। गंभीर ने कहा कि अगर धौनी मुझे मेरे स्कोर के बारे में याद नहीं दिलाते तो मैं आसानी से तीन रन पूरे कर लेता। उनके द्वारा ये बात याद दिलाने के बाद मैं तीन रन को लेकर कुछ ज्यादा ही सावधान हो गया और थिसारा परेरा की गेंद पर एक खराब शॉट खेलकर आउट हो गया। गंभीर की कहना है कि धौनी की उस सलाह की वजह से मेरा ध्यान भंग हो गया और मैंने अपना विकेट गंवा दिया। वहीं गंभीर के आउट होने के बाद धौनी लगातार बल्लेबाजी करते रहे और छक्का लगाकर टीम को जीत दिला दी।
आज भी इस सवाल से हूं परेशान
गंभीर ने कहा कि जब तक में 97 रन पर था मैं वर्तमान में था, लेकिन जैसे ही मैंने सोचा कि मैं सौ रन पूरे करने से तीन रन दूर हूं तब मैं उसे पाने की इच्छा में कहीं और चला गया और अपना विकेट गंवा बैठा। इसलिए जरूरी है कि आप वर्तमान में ही रहो। जब मैं आउट होने के बाद ड्रेसिंग रूम में गया मैंने खुद से कहा कि ये तीन रन मुझे पूरे जीवन परेशान करेंगे और ये सच है। आज भी मुझसे लोग पूछते हैं कि आप अपने तीन रन क्यों नहीं पूरे कर पाए।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal