महाराष्ट्र सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति संदीप शिंदे समिति के कार्यकाल बढ़ाने का आदेश दिया। यह समिति मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया तय करने के लिए बनी थी।
महाराष्ट्र में मराठा कुनबी मुद्दे के चलते राज्य भर की राजनीति में गर्माहट तेज है। इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बुधवार को सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति संदीप शिंदे समिति के कार्यकाल बढ़ाने का आदेश दिया। यह समिति मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया तय करने के लिए बनी थी। समिति को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने सितंबर 2023 में नियुक्त किया था।
कार्यकाल में छह महीने का विस्तार
महाराष्ट्र सरकार के द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब इस समिति का कार्यकाल 30 जून 2025 तक रहेगा। यह छह महीने का विस्तार पिछले कार्यकाल के खत्म होने के बाद आया, जो 31 दिसंबर 2024 को समाप्त हो गया था।
क्या था इस समिति का उद्देश्य
बता दें कि इस समिति को हैदराबाद और बॉम्बे राज्यों के अभिलेखों का अध्ययन करने का काम सौंपा गया था, जहां कभी-कभी मराठों को कुनबी के रूप में उल्लेख किया जाता है। शुरुआत में यह समिति मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए बनाई गई थी, लेकिन बाद में इसका दायरा बढ़ाकर पूरे राज्य में लागू कर दिया गया।
जारंग के आंदलन के बाद समिति का हुआ था गठन
गौरतलब है कि इस समिति की नियुक्ति मनोज जरांगे के नेतृत्व में हुए एक आंदोलन के बाद की गई थी, जिसमें मराठा समुदाय के लोगों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की मांग की गई थी ताकि वे ओबीसी आरक्षण का लाभ उठा सकें। कुनबी एक कृषि समुदाय है, जो ओबीसी श्रेणी में आता है। राज्य के ओबीसी नेताओं ने मराठों को इस श्रेणी में शामिल करने का विरोध किया है, उनका कहना है कि इससे उनके समुदायों के लिए आरक्षण में कमी हो सकती है।
एक नजर सरकार के फैसले पर
वहीं इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार के फैसले की करें तो सरकार ने फैसला लिया है कि मराठा व्यक्ति के रक्त रिश्तेदार (Blood Relatives) को भी कुनबी के रूप में मान्यता दी जाएगी। हालांकि, ऐसे लोगों के पास इस बात के प्रमाण होने चाहिए कि वह कुनबी समुदाय से आते हैं। बता दें कि कुनबी महाराष्ट्र में कृषक समुदाय को कहा जाता है। कुनबी ओबीसी श्रेणी में आता है। सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाणपत्र की मांग का मकसद सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ हासिल करना है।