कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जो भी कहते हैं वो सिर्फ जुमला है। आइए उनके जुमलों पर नजर डालते हैं। महाराष्ट्र में एक दिन में औसतन सात किसान अपनी जान दे देते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के वर्धा का दौरा करने वाले हैं। वह इस दौरान कई अहम योजनाओं की शुरुआत करेंगे। इससे पहले कांग्रेस ने उन पर कई तीखे सवाल दाग दिए। सबसे पुरानी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने पूछा कि महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के बीच प्रधानमंत्री कहां खड़े हैं?
यह तीन सवाल किए
कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर प्रधानमंत्री से तीन सवाल पूछे। उन्होंने पूछा, ‘किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए प्रधानमंत्री क्या कर रहे हैं? वन अधिकार कानून को लागू करने के मामले में भाजपा ने आदिवासियों को निराश क्यों किया है? महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के बीच प्रधानमंत्री कहां खड़े हैं?’
महाराष्ट्र में एक दिन में सात किसान देते हैं अपनी जान
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जो भी कहते हैं वो सिर्फ जुमला है। आइए उनके जुमलों पर नजर डालते हैं। रमेश ने कहा कि महाराष्ट्र में एक दिन में औसतन सात किसान अपनी जान दे देते हैं। दिल दहला देने वाला यह आंकड़ा किसी और की तरफ से नहीं बल्कि राज्य के राहत और पुनर्वास मंत्री की ओर से आया है।
पिछले साल 2,366 किसानों ने की आत्महत्या
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पिछले साल जनवरी से अक्तूबर के बीच 2,366 किसानों की आत्महत्या से मौत हुई है। इसका कारण स्पष्ट हैं कि पिछले साल 60 फीसदी जिलों को सूखे की स्थिति का सामना करना पड़ा, लेकिन सरकार से कोई मदद नहीं मिली। पिछले साल 60 फीसदी जिलों में सूखे की स्थिति थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली। जब राज्य के आधे से अधिक हिस्से में बेमौसम बारिश से फसलें बर्बाद हो गईं, तो किसानों को कर्ज माफी की सुविधा दी गई, लेकिन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण 6.56 लाख किसान इस राहत से वंचित रह गए।’
कांग्रेस ने दिखाई राह: जयराम
उन्होंने कहा कि किसानों को लेकर सरकार और प्रशासन की उदासीनता के विपरीत, कांग्रेस ने लगातार किसानों को स्वामीनाथन समिति की सिफारिश के अनुसार एमएसपी, इसे सुचारू रूप से लागू करने के लिए एक स्थायी आयोग की स्थापना, कृषि ऋण माफी एवं 30 दिनों के भीतर सभी फसल बीमा क्लेम्स के निपटान की गारंटी दी है। उन्होंने आगे सवाल किया कि महाराष्ट्र और भारत के किसानों का समर्थन करने के लिए भाजपा के पास क्या विजन क्या है?
भाजपा सरकार एफआरए के कार्यान्वयन में बाधा डालती रही
जयराम रमेश ने कहा कि वर्ष 2006 में कांग्रेस ने क्रांतिकारी वन अधिकार अधिनियम (FRA) पारित किया था। इस कानून ने आदिवासियों और वन में रहने वाले अन्य समुदायों को अपने खुद के जंगलों का प्रबंधन करने और उनसे प्राप्त उपज से आर्थिक रूप से लाभ उठाने का कानूनी अधिकार दिया था। लेकिन भाजपा सरकार एफआरए के कार्यान्वयन में बाधा डालती रही है, जिससे लाखों आदिवासी इसके लाभों से वंचित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कुल फाइल किए गए 4,01,046 व्यक्तिगत क्लेम्स में से केवल 52 फीसदी (2,06,620 क्लेम्स) मंजूर किए गए हैं। वहीं इसके तहत वितरित की गई भूमि, स्वामित्व सामुदायिक अधिकारों के लिए पात्र 50,045 वर्ग किलोमीटर का केवल 23.5 फीसदी (11,769 वर्ग किलोमीटर) है। महाराष्ट्र में भाजपा सरकार राज्य के आदिवासी समुदायों को सुविधाएं देने में क्यों विफल रही है?
‘प्रधानमंत्री की पार्टी आज महात्मा के आदर्शों पर खतरनाक ढंग से हमला कर रही’
उन्होंने आगे कहा, ‘वर्धा वह शहर है, जहां कभी महात्मा गांधी रहते थे। प्रधानमंत्री की पार्टी आज महात्मा के आदर्शों पर खतरनाक ढंग से हमला कर रही है। उनके कुछ नेताओं ने महात्मा के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया और उनका मजाक उड़ाया है। उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने कहा कि वे गोडसे और गांधी के बीच चयन करने में असमर्थ हैं।’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘देश भर में गांधीवादी संस्थानों – वाराणसी में अखिल भारतीय सर्व सेवा संघ से लेकर गुजरात में साबरमती आश्रम तक – को आरएसएस और उसके सहयोगियों द्वारा ध्वस्त किया जा रहा है और अधिग्रहण किया जा रहा है। वाराणसी में सर्व सेवा संघ से जुड़े लोग अभी सरकार द्वारा अपनी पवित्र संस्था को कुचले जाने के विरोध में 100 दिनों के उपवास पर हैं। क्या नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के पास अपनी पार्टी के कार्यों के बचाव में कोई तर्क है? गांधी और गोडसे के बीज प्रधानमंत्री कहां खड़े हैं?’