सीएम देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में भ्रामक खबरों पर अंकुश लगाने के लिए एक प्रोटोकॉल स्थापित किया गया। इसके तहत संबंधित विभागों द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं या कार्यक्रमों के बारे में गलत खबरों की पहचान करना और जवाब देने के लिए कहा गया।
भ्रामक खबरों से खराब होने वाली छवि को सुधारने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य के सामान्य प्रशासनिक विभाग (जीएडी) ने सरकार के कामकाज के बारे में गलत सूचना और भ्रामक सामग्री को लेकर विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। गलत या भ्रामक खबरों को लेकर विभागों को त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया है।
पिछले दिनों सीएम देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में भ्रामक खबरों पर अंकुश लगाने के लिए एक प्रोटोकॉल स्थापित किया गया। इसके तहत संबंधित विभागों द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं या कार्यक्रमों के बारे में गलत खबरों की पहचान करना और जवाब देने के लिए कहा गया। अब इसे लेकर आधिकारिक आदेश जारी किया गया।
इसमें कहा गया है कि यदि सरकार ऐसी खबरों/घटनाओं की गंभीरता पर विचार करती है और उन पर त्वरित प्रतिक्रिया देती है, तो इससे जनता के मन में सरकार की छवि को बढ़ाने में मदद मिलती है। सरकार ने पाया कि राज्य सरकार के विभाग कामकाज के बारे में विभिन्न मीडिया में प्रकाशित निराधार/भ्रामक समाचारों पर त्वरित प्रतिक्रिया नहीं देते हैं।
पत्र में कहा गया है कि सरकारी विभागों से अपेक्षा की जाती है कि वे प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित भ्रामक या गलत समाचार पर क्रमशः 12 घंटे और दो घंटे के भीतर स्पष्टीकरण जारी करें। इसके अलावा उनको ऐसे समाचारों पर सुधार या स्पष्टीकरण के लिए मीडिया घरानों से संपर्क करने का काम सौंपा गया है।
पत्र के मुताबिक सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय (डीजीआईपीआर) का मीडिया प्रतिक्रिया प्रकोष्ठ किसी भी भ्रामक समाचार के बारे में संबंधित विभागों को सूचित करेगा।
परिपत्र में कहा गया है कि दो फरवरी 2025 को कैबिनेट बैठक के दौरान फडणवीस द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, सरकार सभी मंत्रिस्तरीय विभागों के लिए एक विस्तृत सूचनात्मक प्रारूप तैयार करने के मुद्दे पर विचार कर रही थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विभिन्न लोकप्रिय मीडिया में प्रकाशित राज्य सरकार के कामकाज/कार्यप्रणाली के संबंध में प्रतिक्रिया योग्य समाचारों के बारे में तथ्यात्मक जानकारी संबंधित विभाग से तुरंत उपलब्ध हो।
इसमें कहा गया है कि सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय विभागों से प्राप्त फीडबैक/तथ्य पत्रों का अनुसरण संबंधित प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को करेगा, ताकि उन्हें यथाशीघ्र प्रसारित किया जा सके। यदि सरकार उचित तरीके से और निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर उन खबरों पर प्रतिक्रिया देती है, जो प्रतिक्रिया के योग्य हैं और मीडिया में प्रकाशित होती हैं, तो इससे जनता को सरकार की योजनाओं और नीतियों के बारे में तथ्यात्मक और सकारात्मक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।