दुनिया के सबसे महान गेंदबाज और श्रीलंकाई दिग्गज मुथैया मुरलीधरन ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी को लेकर बड़ा दावा किया है। मुरलीधरन ने कप्तानी कौशल के लिए भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धौनी की सराहना की। मुथैया मुरलीधरन ने कहा कि धौनी की कप्तानी के बारे में सबसे अच्छी बात यह थी कि उन्होंने गेंदबाज पर भरोसा किया और उन्हें अपना क्षेत्र निर्धारित करने की आजादी दी।

भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर आर अश्विन के साथ लाइव चैट करते हुए मुथैया मुरलीधरन ने कहा, “मैं कहना चाहूंगा कि वह(एमएस धौनी) एक युवा कप्तान थे। यह 2007 के विश्व कप में था और उन्होंने भारत की कप्तानी की और जीत हासिल की। उनको पता होता था कि यदि गेंदबाज काम नहीं कर पा रहा है तो वे उस गेंदबाज को खुद ही फील्डिंग सेट करने का मौका देते थे।” सीएसके लिए आइपीएल में धौनी की कप्तानी में खेलने वाले मुरलीधरन ने कहा है कि अगर किसी गेंदबाज को अच्छी गेंद पर छक्का पड़ जाए तो धौनी ताली बजाते हैं।
मुरली ने कहा है, “अगर कोई अच्छी गेंद पर छक्का लगाएगा तो वह (धौनी) ताली बजाएंगे। वह गेंदबाज को बताएगा कि यह एक अच्छी गेंद है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बल्लेबाज ने आपको छक्का मारा है। बल्लेबाजों में भी हिट करने की प्रतिभा होती है।” 2008 से 2010 के बीच आइपीएल के तीन सत्रों में धोनी की अगुवाई में खेलते हुए 40 विकेट लेने वाले मुरलीधरन ने कहा कि धौनी गेंदबाज को यह बताने के लिए अकेले ले जाते हैं कि उनको क्या करना है।
श्रीलंकाई महान स्पिनर ने कहा है, “उस तरह की सराहना के साथ, वह आपको अकेले में बुलाएंगे, यह बताने के लिए कि आपको क्या करना है। इसी वजह से वह इतने सफल हैं।” 1300 से ज्यादा इंटरनेशनल विकेट लेने वाले दुनिया के एकमात्र गेंदबाज मुरलीधरन ने कहा है कि धौनी हमेशा अपने सीनियरों की सलाह लेना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा है, “वह शांति के साथ सोचने की क्षमता रखते हैं। यही कारण है कि वह इतने अच्छे लीडर बने हैं। जब वह छोटे थे, तब भी वह सलाह (वरिष्ठों से) सुनते थे। वह लोगों की बात सुनेंगे और फिर वह अंतिम निर्णय लेंगे। इसी तरह की कप्तानी वे करते थे।”
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