लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को मात देने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस सहित कई दलों ने हाथ मिलाया है. महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे पर लगभग सहमति बन गई है, लेकिन दो-तीन सीटों पर पेंच फंसा हुआ है. माना जा रहा है कि इन सीटों पर मामला सुलझा लेने के बाद जल्द ही सीट शेयरिंग का ऐलान किया जाएगा.
आरजेडी के एक नेता का दावा है कि आरजेडी और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच कम से कम दो दौर की बातचीत हो चुकी है और दोनों दल सम्मानजनक सीट बंटवारे के करीब हैं. पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के बीच बातचीत हुई थी.
सूत्रों की मानें तो सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में मुंगेर, मधेपुरा और दरभंगा सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ है. कांग्रेस मोकामा के विधायक अनंत सिंह को मुंगेर सीट से चुनाव लड़ाने के पक्ष में है, लेकिन आरजेडी इस पर सहमत नहीं है. दरअसल, तेजस्वी यादव अनंत सिंह को ‘बैड एलीमेंट’ बता चुके हैं और उन्होंने कहा था कि महागठबंधन में ऐसे लोगों की कोई जगह नहीं है.
हाल ही में बीजेपी से निष्कासित सांसद कीर्ति आजाद ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. इसी के चलते दरभंगा सीट पर भी पेंच फंसा हुआ है. कांग्रेस इस सीट से कीर्ति आजाद को चुनाव मैदान में उतारना चाहती है. जबकि महागठबंधन का हिस्सा बने विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष प्रमुख मुकेश साहनी भी इसी सीट से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि महागठबंधन में शामिल सभी दलों के शीर्ष नेताओं के बीच अंतिम दौर की बातचीत चल रही है. तिवारी इशारों ही इशारों में इस बात के भी संकेत देते हैं कि आरजेडी पहले कांग्रेस से सीट तय कर लेना चाहती है, उसके बाद अन्य दलों से बात करने की इच्छुक है.
दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस अनंत सिंह या उनकी पत्नी के लिए मुंगेर सीट चाहती है. जबकि आरजेडी वृशिण पटेल को मुंगेर से और मुकेश साहनी को दरभंगा से चुनाव लड़ाना चाहती है.
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा है कि उम्मीदवारों की घोषणा में थोड़ा समय लग सकता है, पर गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा मार्च के पहले सप्ताह में होने की उम्मीद है. उन्होंने कुछ सीटों पर फंसे पेंच के संबंध में कहा कि सभी सीटों को लेकर बातचीत चल रही है.
पप्पू यादव ने 2014 लोकसभा चुनाव में शरद यादव को हराया था. शरद यादव जद (यू) से निकलने के बाद अपनी अलग पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल बना चुके हैं और वह फिर से मधेपुरा से लड़ सकते हैं. ऐसे में पप्पू यादव की महागठबंधन में एंट्री होती है तो फिर मधेपुरा सीट को लेकर भी माथापच्ची करनी पड़ सकती है.