महर्षि दयानंद सरस्‍वती का 200वां जन्‍मोत्‍सव शुरु

राज्‍यपाल देवव्रत ने महर्षि दयानंद के जयंती समारोह का उद्घाटन करने के बाद यहां उपस्थित लोगों को वैदिक परंपरा एवं वैदिक संस्‍क्रति को जन जन तक पहुंचाने का संकल्‍प दिलाया। दयानंद सरस्‍वती का जन्‍म 12 फरवरी को गुजरात के मोरबी जिले के टंकारा में हुआ था। देश विदेश से आए आर्य समाज के अनुयायियों को राज्‍यपाल ने बताया कि आज जीवन में वे जो कुछ भी हैं।

आर्य समाज के संस्‍थापक महर्षि दयानंद सरस्‍वती के 200वें जयंती समारोह की शुरुआत शुक्रवार को मोरबी के टंकारा में हुई। आर्य समाज के विचार, वेद संस्‍क्रति को जन जन तक पहुंचाने के लिए राज्‍य सरकार यहां 250 करोड की लागत से स्‍मारक बनवाऐगी। राज्‍यपाल आचार्य देवव्रत ने हर साल एक करोड रु देने की घोषणा की।

वैदिक संस्‍क्रति को जन जन तक पहुंचाने का संकल्‍प

राज्‍यपाल देवव्रत ने महर्षि दयानंद के जयंती समारोह का उद्घाटन करने के बाद यहां उपस्थित लोगों को वैदिक परंपरा एवं वैदिक संस्‍क्रति को जन जन तक पहुंचाने का संकल्‍प दिलाया। दयानंद सरस्‍वती का जन्‍म 12 फरवरी को गुजरात के मोरबी जिले के टंकारा में हुआ था।

देश विदेश से आए आर्य समाज के अनुयायियों को राज्‍यपाल ने बताया कि आज जीवन में वे जो कुछ भी हैं आर्य समाज तथा महर्षि दयानंद सरस्‍वती के आदर्श के कारण है। उनके विचारों ने देशभक्ति, नशामुक्ति, कन्‍या शिक्षा में अहम योगदान दिया है। महर्षि ने देश व समाज के विकास में बाधक विचारधारा का विरोध किया। सती प्रथा के उन्‍मूलन, नारी शिक्षा को बढाने, अंधविश्‍वासों को दूर करने केलिए दुनिया से लडकर देश की दिशा एवं दशा को बदल दिया था।

15 एकड़ की भूमि पर टंकारा हाइवे पर इसका निर्माण शुरु

महर्षि ने सत्‍य का मार्ग बताते हुए उसी में मानव कल्‍याण का विचार दिया। स्‍वामीजी के विचारों को जन जन तक पहुंचाने के लिए 250 करोड की लागत से उनका स्‍मारक बनाया जाएगा जो लोगों में नई चेतना व ऊर्जा का संचार करने का ज्ञान ज्‍योति तीर्थ होगा। 15 एकड़ की भूमि पर टंकारा हाइवे पर इसका निर्माण शुरु होगा।

पद्मश्री डॉ पूनम सूरी की देखरेख में स्‍मारक बनेगा

पद्मश्री डॉ पूनम सूरी की देखरेख में स्‍मारक बनेगा, डॉ सूरी ने बताया कि डीएवी प्रबंधन समिति देश में 900 से अधिक शैक्षिक संस्‍थाओं का संचालन कर रही है इनमें स्‍कूल, अस्‍पताल, कॉलेज, नर्सिंग, इंजीनियरिंग, आयुर्वेद, कानून की शिक्षा से जुडे संस्‍थानों के जरिए करीब 34 लाख छात्र – छात्राओं को अध्‍ययन कराया जा रहा है।

राज्‍यपाल एवं उनकी धर्म पत्‍नी दर्शना देवी का आर्य समाज की ओर से सम्‍मान किया गया। राज्‍यपाल ने म‍हर्षि दयानंद तथा प्राक्रतिक खेती से जुडी पुस्‍तकों का विमोचन किया। गौरतलब है कि गुजरात के राज्‍यपाल बनने के बाद से राज्‍यपाल आचार्य देवव्रत गुजरात के लाखों किसान व हजारों गांवों को प्राक्रतिक खेती से जोडने का काम किया है।

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