मशीन की खामियों से भी होते हैं सड़क हादसे लेकिन ड्राइवरों पर मढ़ी जाती है गलती, जानें क्‍यों

एक पुरानी कहावत है, ‘मजा कर फेंकू लाल, मार खाएं डफाली’ मतलब गलती कोई और करे और सजा कोई और भुगते… यही हाल सड़क हादसों में भी देखा जाता है। भले ही सड़क दुर्घटना ब्रेक फेल होने के कारण हुई हो, लोग गलती ड्राइवर की ही ठहरा देते हैं। ड्राइवरों को लेकर यह भ्रांति इंसानों के स्‍वभाव में बैठ गई है। मशीनी युग की शुरुआत के साथ ही इंसानों के स्‍वभाव में यह बात घर करती चली गई है कि गलती ड्राइवर की ही होगी…

अब एक शोध में भी इस इंसानी स्‍वभाव पर मुहर लगा दी है। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि सेमी-ऑटोनोमस कार की दुर्घटना होने पर लोग मशीन की दोष देने की बजाय इसके लिए ड्राइवर को ज्यादा जिम्मेदार मानते हैं। लेकिन यह भी सच है कि हर बार ड्राइवर की गलती से दुर्घटनाएं नहीं होती। मशीनी दिक्कतों के चलते भी कई बार बड़ी दुर्घटनाएं हो जाती हैं।

नेचर ह्यूमन बिहेवियर में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि कैसे लोग दुघर्टना होने पर बिना देरी किए ड्राइवर को दोषी ठहरा देते हैं। इस दौरान कई बार हाथापाई के हालात बन जाते हैं। शोधकर्ताओं ने लोगों के इस व्यवहार पर चिंता जताते हुए ऐसे मौकों पर सोच-विचार कर काम करने की सलाह दी है क्योंकि हो सकता है कि सामने वाले व्यक्ति को ऐसे अपराध के लिए सजा मिल जाए, जिसे उसने किया ही न हो।

शोधकर्ताओं ने कहा, ‘स्वचालित कारें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) पर आधारित होती हैं, जो मशीन लर्निग के जरिये अपना काम करती हैं।’ इन कारों में मैनुअल के मुकाबले गियर चेंज होने में थोड़ा वक्त लगता है और जब गियर चेंज होते हैं तो इनकी शिफ्टिंग साफ नजर आती है। इनकी मेंटेनेंस बी मैन्युअल के मुकाबले ज्यादा होती है। साथ ही सर्विस के दौरान खर्चा भी ज्यादा आता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com