पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के लोगों को लुभाने की होड़ मची हुई है. इसके साथ ही जमकर सियासी बयानबाजी चल रही है. टीएमसी और बीजेपी के नेता एक-दूसरे पर लगातार कटाक्ष कर रहे हैं और उनकी राजनीतिक चाल पर पलट वार कर रहे हैं.

बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अचानक बीरभूम जिले के वल्लभपुर के आदिवासी बहुल डांगर गांव पहुंच गईं थीं और वहां ग्रामीण खाना बनाने की दुकान में पहुंच गईं. उनके सब्जी बनाने में हाथ बंटाया था. गुरुवार को बीजेपी के महासचिव व बीजेपी के बंगाल इकाई के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, “जो काम दीदी को 5 माह बाद करना है, वो अभी से शुरू कर दिया है.” बता दें कि ममता ने आदिवासी परिवार के साथ न केवल खाना बंटाने में हाथ बंटाया था, बल्कि वहां चाय भी पी थी.
कैलाश विजयवर्गीय ने कोयला व गाय तस्करी के मामले में सीबीआई की छापेमारी पर ट्वीट करते हुए लिखा, “बंगाल के एक पावर ब्रोकर विनय मिश्रा के यहां सीबीआई के छापे के बाद बंगाल के उच्च अधिकारी की आपातकालीन बैठक और मुख्यमंत्री एवं भाइपो के यहां हलचल, प्रदेश का चर्चा का विषय है.”
कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को विदेशों में बसे बंगाली एनआरआइ के साथ वर्चुअल बैठक कीं. बैठक के बाद ट्वीट किया, “ममता बनर्जी ने अपने दस साल के राज में पश्चिम बंगाल को बर्बाद कर दिया. बीजेपी ने इसे सुधारने का प्रण किया और विदेशों में बसे बंगालियों कते साथ कुछ योजनाएं बनाई हैं. इन योजनाओं का मकदस इस राज्य को फिर से “सोनार बांग्ला” बनाना है. “बता दें बंगाल बीजेपी ने “सोनार बांग्ला” अभियान शुरू किया है. बीजेपी के नेता जिले-जिले में जाएंगे और बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा करेंगे.
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