ममता ने बताया कि मैंने सोनिया और राहुल गांधी से कहा था कि वह सीजेआई को हटाने के लिए नोटिस ना लाएं। हम देश की न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं। बनर्जी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में यह भी कहा कि त्रिपुरा चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस से कहा था कि भाजपा को मिलकर कड़ी टक्कर दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने राहुल गांधी से कहा कि टीएमसी और आदिवासी पार्टी के साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ गठबंधन कर लें। मैंने उन्हें बराबर सीटों का फॉर्मूला दिया लेकिन कांग्रेस ने हमारे प्रस्ताव पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह दिल्ली में कांग्रेस नेता तृणमूल का साथ चाहते हैं जबकि बंगाल में वह उनकी पार्टी के खिलाफ खड़े रहते हैं।
ममता ने कहा कि कांग्रेस भाजपा के खिलाफ प्रस्तावित फेडरल फ्रंट में एक साझेदार के तौर पर हिस्सा बन सकती है मगर फ्रंट के नेता के तौर पर नहीं। कांग्रेस को फ्रंट के लिए यह बलिदान देना पड़ेगा। अगर वह ऐसा नहीं करती है तो खुद अपने रास्ते पर चल सकती है। यदि हम भाजपा के साथ आमने-सामने की लड़ाई करते हैं तो ओडिशा में बीजेडी, आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव पर सबकुछ छोड़ देंगे। फ्रंट की हर पार्टी को नियमों का पालन करना पड़ेगा और यह कांग्रेस पर भी लागू होता है।
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