पूर्वी दिल्ली के गोकलपुर इलाके में दुकान की सीलिंग तोड़ने के मुद्दे पर दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया, हालांकि, कोर्ट ने उन्हें तीन अक्टूबर तक का समय मिला था। इस मौके पर भाजपा नेता ने कहा है कि वह सीलिंग तोड़ने के लिए माफी नहीं मांगेंगे। पुराने रुख पर कायम मनोज तिवारी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट अपनी मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करे और वो खुद सीलिंग अफ़सर बनने को तैयार हैं।
बता दें कि पिछली सुनवाई में 25 सितंबर सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर सीलिंग की इतनी जानकारी है तो 1000 प्रॉपर्टी की लिस्ट सौंपे तो उन्हें सीलिंग ऑफिसर बना देेंगे। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को 3 अक्टूबर तक हलफनामा दायर करने के लिए कहा था।
सोमवार को मनोज तिवारी ने अपने हलफनामे में कहा है कि वह सीलिंग तोड़ने के लिए माफी नहीं मांगेंगे। इतना ही नहीं, उऩ्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के लोगों को राहत देने और कानून का राज स्थापित करने के लिए वे सीलिंग ऑफिसर बनने को तैयार हैं।
यहां पर जान लेने जरूरी है कि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पिछले महीने 16 सितंबर को उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकलपुर गांव में एक मकान की सीलिंग तोड़ी थी। मॉनिटरिंग कमेटी के मामला संज्ञान लेने के बाद इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी कर 25 सितंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था।