मध्य प्रदेश शासन ने नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय नार्को कोऑर्डिनेशन (एनसीओआरडी) समिति का पुनर्गठन किया गया है। यह समिति राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी, उनकी अवैध खेती और नशे से जुड़ी गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करेगी।
समिति में गृह, चिकित्सा शिक्षा, सामाजिक न्याय, वन, कृषि, वाणिज्यिक कर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव शामिल होंगे। साथ ही पुलिस महानिदेशक, एनसीबी, डीआरआई, सीबीएन, ईडी, राज्य एड्स नियंत्रण समिति, डाक विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी सदस्य बनाए गए हैं। यह समिति राज्य में नशे की रोकथाम से जुड़े सभी पहलुओं पर नीति और रणनीति तैयार करेगी। इसके तहत ड्रग्स की तस्करी पर निगरानी, बंदरगाहों और सीमावर्ती क्षेत्रों से होने वाले अवैध परिवहन को रोकना, नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जनजागरूकता बढ़ाना और नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना जैसे कार्य किए जाएंगे।
इसके अलावा समिति राज्य में फोरेंसिक जांच क्षमता को बढ़ाने, अवैध मादक फसलों की खेती वाले क्षेत्रों में वैकल्पिक विकास कार्यक्रम चलाने और केंद्र सरकार से मिलने वाले फंड के उपयोग की निगरानी भी करेगी। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि इस समिति के माध्यम से नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी पर सख्त नियंत्रण किया जा सके और समाज में नशा मुक्त वातावरण तैयार किया जाए।
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