मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सरपंचों के मानदेय बढ़ाने वाले प्रस्ताव को दी मंजूरी 

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सरपंचों के मानदेय बढ़ाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य के गृह विभाग के मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सूबे के सभी सरपंचों के मानदेय में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को कैबिनेट की मीटिंग में आम सहमति दी गयी है। सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरपंचों से मानदेय बढ़ाने का वादा किया था। सरकार अपनी बात पर कायम है और उचित पारिश्रमिक देने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है। इसी महीने की शुरुआत से सरपंचों के खाते में नया निर्धारित मानदेय भेजा जाएगा। प्रतिमाह पहले मिल रहे 1750 रुपए को बढ़ाकर 4250 कर दिया गया है। इसमें दूरभाष और सत्कार भत्ता की बढ़ोत्तरी कर 4250 रुपए हर महीने सरपंचों को दिए जाएंगे। 

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिसंबर में सरपंचों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य के सभी सरपंचों के मानदेय को बढ़ाने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कार्यक्रम में सरपंचों के मानदेय को वर्तमान में 1750 रुपए से लगभग ढाई गुना बढ़ाकर 4250 रुपए करने का आश्वसान दिया था। कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्य के सरपंचों को हर महीने 4250 मानदेय मिलेगा। 

मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव हैं। शिवराज सरकार समीकरण साधने के लिए समाज के हर वर्ग को खुश रखने की कोशिश में जुटी हुई है। सरकारी अफसरों के खिलाफ शिकायत पर उनका निलंबन हो या फिर नई योजनाओं के जरिए लोगों को वर्तमान सरकार को ही वोट देने के लिए आकर्षित करना हो, शिवराज सरकार हर मोर्चे पर कमर कसकर तैयार है। सरपंचों को मिली सौगात का भाजपा सरकार को सकारात्मक फायदा मिल सकता है। कांग्रेस और भाजपा में सियासी जंग में दोनों पार्टियों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव नवंबर-दिसंबर में संभावित हैं लेकिन नए साल की शुरुआत से ही दोनों पार्टियों ने पोस्टर वॉर भी छेड़ दिया है।

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