पहाड़ी इलाकों में जारी बर्फबारी का सीधा असर अब मध्यप्रदेश में भी दिखने लगा है। पिछले पंद्रह दिनों से प्रदेश लगातार कड़कड़ाती ठंड की चपेट में है। बीते 24 घंटों में भोपाल और इंदौर समेत 12 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ। सबसे कम पारा राजगढ़ में 7.5 डिग्री रहा। जबलपुर के भेड़ाघाट में घना कोहरा छाया रहा। शुक्रवार को भी मौसम की यही तीखी सर्दी देखने को मिल सकती है।
दस दिनों से शीतलहर की स्थिति बनी
6 नवंबर से ही प्रदेश में तेज ठंड का दौर शुरू हो गया था। खासकर मालवा-निमाड़ क्षेत्र में तापमान लगातार नीचे जा रहा है। राजधानी भोपाल में पिछले दस दिनों से शीतलहर की स्थिति बनी हुई है और अगले दो दिन भी हालात ऐसे ही रहने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार के लिए इंदौर, भोपाल, राजगढ़, सीहोर और शाजापुर में शीतलहर की चेतावनी जारी की है।
पचमढ़ी बना प्रदेश का दूसरा सबसे सर्द शहर
बुधवार और गुरुवार की रात कई जिलों में कड़ाके की ठंड महसूस की गई। राजगढ़ 7.5 डिग्री के साथ सबसे ठंडा रहा, जबकि प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी का तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो राज्य में दूसरा सबसे कम है।शाजापुर में 7.8 डिग्री, शिवपुरी में 8 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 8.3 डिग्री, खंडवा में 8.4 डिग्री, नरसिंहपुर में 8.8 डिग्री, खरगोन और उमरिया में 9 डिग्री तथा रायसेन में 9.6 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। बड़े शहरों पर नजर डालें तो भोपाल 9.2 डिग्री, इंदौर 8 डिग्री, ग्वालियर 11.9 डिग्री, उज्जैन 10.5 डिग्री और जबलपुर 12 डिग्री के साथ ठंड की मार झेल रहे हैं।
नवंबर की शुरुआत से ही ठंड ने पकड़ा जोर
आमतौर पर नवंबर के दूसरे सप्ताह में सर्दी तेज होती है, लेकिन इस बार पहली ही तारीखों से पारा लगातार लुढ़क रहा है। भोपाल में नवंबर की ठंड ने 84 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जबकि इंदौर में 25 साल बाद इतनी ठंडी रातें दर्ज की जा रही हैं। अगले दो दिन तक प्रदेश में शीतलहर का असर रहेगा, उसके बाद थोड़ी राहत की संभावना है।
22 नवंबर से सक्रिय होगा लो प्रेशर एरिया
22 नवंबर को दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव तंत्र बनने की संभावना है। इससे पहले अगले 48 घंटों तक प्रदेश को कड़ी ठंड का सामना करना पड़ेगा। पिछले एक दशक में नवंबर में ठंड के साथ बरसात का ट्रेंड बना हुआ है। इस बार भी मौसम उसी पैटर्न को दोहरा रहा है। अक्टूबर में औसत से ढाई गुना ज्यादा यानी 121% वर्षा दर्ज हुई है।2.8 इंच पानी गिरा, जबकि सामान्य औसत 1.3 इंच है।
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