मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना का असर एक बार फिर से परीक्षाओं पर दिखना शुरू हो गया है. शनिवार को उच्च शिक्षा विभाग ने जानकारी दी है कि बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण और छात्रों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं अप्रैल की जगह मई में आयोजित की जाएगी.
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘ग्रैजुएशन फाइनल ईयर और पोस्ट ग्रैजुएशन के चौथे सेमेस्टर के छात्रों को परीक्षा केंद्र पर जाकर परीक्षा देनी होगी. जबकि ग्रैजुएशन के फर्स्ट और सेकंड ईयर के अलावा पोस्ट ग्रैजुएशन सेकंड सेमेस्टर के छात्रों की ओपन बुक पद्धति से परीक्षा कराई जाएगी’.
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि ग्रैजुएशन फाइनल ईयर में करीब 4 लाख 30 छात्र परीक्षा में शामिल होंगे, जबकि पोस्ट ग्रैजुएशन के फोर्थ सेमेस्टर में करीब 1 लाख 72 हज़ार छात्र परीक्षा देंगे. ओपन बुक पद्धति से परीक्षा देने वाले छात्रो की संख्या ग्रैजुएशन फर्स्ट ईयर में 5 लाख 33 हज़ार है तो सेकंड ईयर में 5 लाख 25 हज़ार हैं. वहीं, पोस्ट ग्रैजुएशन के सेकंड सेमेस्टर में छात्रों की संख्या 1 लाख 35 हज़ार है.
दरअसल, सरकार ने यह फैसला तेज़ी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए लिया है. शनिवार को मध्य प्रदेश में कोरोना के 2142 नए मामले सामने आए हैं और 10 लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा मध्य प्रदेश के 12 शहरों में रविवार का लॉकडाउन भी रहेगा. इंदौर 619, भोपाल 460 और जबलपुर 159 मामलों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित है.