मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 19 पवित्र क्षेत्रों में शराब की दुकानों पर रोक लगाने का फैसला लिया था, जो 1 अप्रैल से लागू होगा। यानी 31 मार्च की आधी रात से संबंधित धार्मिक स्थलों में शराब दुकाने बंद हो जाएगी। यह दुकाने दूसरी जगह शिफ्ट भी नहीं होगी।
मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति-2025 लागू हो जाएगी। इस नीति के तहत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार ने 19 धार्मिक क्षेत्रों में शराब दुकाने बंद करने का निर्णय लिया है, जिसके अनुसार 31 मार्च की आधी रात से इन क्षेत्रों में दुकाने बंद कर दी जाएंगी। इन इलाकों में शराब और वाइन आउटलेट्स के लिए नए लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे और न ही इनका संचालन की अनुमति होगी।
प्रदेश के 19 पवित्र क्षेत्रों में पूरी तरह से शराब की ब्रिकी नहीं करने का निर्णय लिया गया है, जिनमें राज्य के 13 शहरी और 6 ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं। इनमें उज्जैन नगर निगम भी शामिल है, जहां काल भैरव मंदिर में प्राचीन समय से बाबा के दर्शन में मदिरा का भोग लगाने की परंपरा है। इस फैसले को लेकर उज्जैन कलेक्टर ने शासन को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने काल भैरव मंदिर में मदिरा भोग की परंपरा के महत्व को देखते हुए वहां शराब दुकान संचालित करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय शासन को लेना है।
यहां बंद होगी शराब दुकानें
उज्जैन नगर निगम, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, महेश्वर नगर पंचायत, मंडलेश्वर नगर पंचायत, ओरछा नगर पंचायत, मैहर नगर पालिका, चित्रकूट नगर पंचायत, दतिया नगर पालिका, पन्ना नगर पालिका, मंडला नगर पालिका, मुलताई नगर पालिका, मंदसौर नगर पालिका, अमरकंटक नगर पंचायत, सलकनपुर ग्राम पंचायत, बरमान कला ग्राम पंचायत, लिंगा ग्राम पंचायत, बरमान खुर्द ग्राम पंचायत, कुंडलपुर ग्राम पंचायत और बांदकपुर ग्राम पंचायत शामिल हैं।