भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब अपने सांसदों और विधायकों को संवाद और आचरण का प्रशिक्षण देने जा रही है। पार्टी नेतृत्व ने तय किया है कि अब किसी भी राष्ट्रीय या संवेदनशील विषय पर अनधिकृत बयानबाज़ी नहीं होगी।
राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विवादित व बड़बोले बयानों से किरकिरी के बाद भाजपा संगठन ने अपने नेताओं को नसीहत व प्रशिक्षण देने का फैसला किया है। पार्टी अपने सांसदों और विधायकों को पार्टी की रीति-नीति के अनुरूप संवाद शैली और आचरण का प्रशिक्षण देने जा रही है। इसके लिए 14, 15 और 16 जून को पचमढ़ी के हिल स्टेशन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर प्रस्तावित है। शिविर का उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे, जबकि समापन समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के शामिल होने की संभावना है।
शिविर में लोकसभा, राज्यसभा सांसदों और विधायकों को पार्टी की नीतियों, मर्यादित व्यवहार और तय विषयों पर ही बयान देने की दिशा में प्रशिक्षित किया जाएगा। खास तौर पर यह हिदायत दी जाएगी कि राष्ट्रीय मुद्दों पर दिल्ली से स्पष्ट निर्देश आने तक कोई भी नेता सार्वजनिक मंच पर बयानबाज़ी न करे। सूत्रों के अनुसार, प्रशिक्षण में यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि किसी भी संवेदनशील विषय पर अनधिकृत टिप्पणी से पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है। इस संदर्भ में नेताओं को “गाइडलाइन से हटकर बयान न दें” की सख़्त नसीहत दी जाएगी।
बता दें, मंत्री विजय शाह द्वारा सेना में चयनित कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए बयान के बाद पार्टी आलाकमान ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने भी सेना को लेकर विवादित बयान दे दिया था। इसके बाद से ही संगठन स्तर पर प्रशिक्षण शिविर की रूपरेखा तैयार की गई थी। भाजपा सूत्रों का कहना है कि 2023 विधानसभा चुनाव के बाद अब तक कोई व्यापक प्रशिक्षण शिविर नहीं हुआ है, ऐसे में यह आयोजन पार्टी के अनुशासन और एकरूपता को बनाए रखने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
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