मध्य प्रदेश: ग्वालियर-चंबल अंचल में मिला जुला भारत बंद का असर

आज एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ दलित संगठनों के द्वारा भारत बंद को लेकर ग्वालियर में पुलिस पूरी तरह अलर्ट है।

भारत बंद को लेकर ग्वालियर में सुबह से ही चौराहों और सड़कों पर पुलिस उतर आई है। सुरक्षा की दृष्टि से ग्वालियर में 3 हजार पुलिस जवान व अफसर तैनात किए गए हैं। वहीं पुलिस की 50 मोबाइल पार्टी सर्चिंग कर रही है। आंदोलन करने वाले संगठनों ने कहा है कि शांतिपूर्ण तरीके से वह रैली निकाल कर ज्ञापन सौंपेंगे। उन पर भी पूरी नजर रखी जा रही है, लेकिन देखा जा रहा है कि भारत बंद का असर ग्वालियर में मिला-जुला देखने को मिल रहा है। शहर के साथ-साथ जो बाजार है, वह भी लगभग खुले हुए हैं। अब दलित संगठन रैली के माध्यम से कलेक्ट पहुंचेंगे और उसके बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपेंगे।

बता दें कि ग्वालियर चंबल अंचल में एससी-एसटी वर्ग के ही एक मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर 2 अप्रैल 2018 को दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था। उस दिन देश के कई हिस्सों में हिंसा भड़की थी। ग्वालियर-चंबल संभाग इस हिंसा की आग में सबसे ज्यादा झुलसा। यहां दंगों में 4 मौतें हुई थीं। साथ ही कई लोग गंभीर रुप से जख्मी हुए थे। तोड़फोड़ से नुकसान की कोई भरपाई ही नहीं थी। अब खुफिया एजेंसी बंद का आह्वान करने वाले संगठनों के लोगों की जानकारी जुटा रही है। साथ ही दलित बाहुल्य एवं दंगा प्रभावित क्षेत्रों में ज्यादा सुरक्षा बल तैनात करने की तैयारी की जा रही है और बाजारों में भी पुलिस की अच्छी संख्या में तैनाती की गई है।

आजाद समाज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेश कैन का कहना है कि बहुजन समाज पार्टी, आजाद समाज पार्टी, भीम आर्मी, भारत आदिवासी पार्टी, युवा आदिवासी संगठन और दलित उत्थान संघर्ष समिति द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया है। हम लोग शांतिपूर्ण तरीके से ग्वालियर बंद करा रहे हैं। व्यापारियों व आम लोगों का हमें समर्थन मिल रहा है।

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