सांवेर विधानसभा क्षेत्र में निकल रही कलश यात्रा के मामले में मंगलवार रात पुलिस ने भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर व पूर्व जनपद अध्यक्ष भगवान परमार, सुभाषष चौधरी, पूर्व सरपंच विनोद चंदानी, अंतरदयाल कतौला, सतीश मालवीय के खिलाफ धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। सांवेर, धरमपुरी और चंद्रावती गंज में निकली यात्राओं को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया। अब तक 50 से ज्यादा स्थानों पर कलश यात्राएं निकल चुकी हैं और उनमें कोडिव–19 के प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है।
गत दिनों सांवेर में कांग्रेस कार्यालय के उद्घाटन में भीड़ एकत्र होने के मामले में 34 नामजद व एक अन्य पर कलेक्टर के आदेश के उल्लंघन व संक्रमण फैलाने के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया था। उधर, मंगलवार को भी 10 से ज्यादा स्थानों पर यात्राएं निकलीं। भाजपा जिला अध्यक्ष सोनकर का कहना है कि पुलिस अफसरों ने कांग्रेस नेताओं के दबाव में प्रकरण दर्ज किए हैं। यात्राएं भाजपा संगठन द्वारा नहीं निकाली जा रही हैं। जांच के दौरान हम अपना पक्ष रखेंगे।
तीसरे दिन भी निकली कलश यात्रा
कोविड-19 के प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर तीसरे दिन मंगलवार को पीलिया कायस्थ, सेमल्याचाऊ, पालिया, कदवाली बुजुर्ग, अरंडिया, निपानिया सहित अन्य इलाकों में महिलाएं सिर पर कलश लेकर निकलीं। आयोजकों का दावा है कि हम महिलाओं को मास्क भी दे रहे हैं,जबकि यात्रा में कई महिलाएं बगैर मास्क पहने ही शामिल हुई। मामले में मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखने की पूरी कोशिश हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में नर्मदा नदी को लेकर आस्था है, इसलिए भीड़ बढ़ रही है।
जल संसाधन मंत्री ने किया बचाव
कोविड-19 से सुरक्षा के दिशा-निर्देशों के खुलेआम उल्लंघन के आरोपों से घिरीं कलश यात्राओं का मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मंगलवार को बचाव किया। उनका दावा है कि सत्तारूढ़ दल का यह आयोजन उनके निर्वाचन क्षेत्र सांवेर के आम लोगों की आस्था से जुड़ा है। सिलावट ने संवाददाताओं से कहा कि ये कलश यात्राएं सांवेर के आम लोगों की आस्था और विश्वास से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि ये यात्राएं इसलिये निकाली जा रही हैं क्योंकि प्रदेश सरकार की एक परियोजना के तहत नर्मदा नदी का पानी पाइपलाइन के जरिये सांवेर के गांवों में पहुंचने वाला है। जल संसाधन मंत्री ने यह भी कहा कि कोविड-19 का संकट बड़ा है और प्रदेश सरकार इससे निपटने के प्रति सजग है। प्रशासन और पुलिस के अधिकारी इस महामारी पर नियंत्रण पाने में लगे हैं।