मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदर्शन कर रहे अतिथि विद्वानों(गेस्ट लेक्चरर) के आंदोलन को 84 दिन पूरे हो गए हैं. सोमवार को प्रदर्शन कर रही एक और महिला अतिथि विद्वान ने अपना मुंडन करवाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करवाया.
सोमवार को उज्जैन ज़िले के बड़नगर स्थित शासकीय महाविद्यालय में अतिथि विद्वान ग्रंथपाल लक्सरी दास ने सार्वजनिक रूप से अपना मुंडन करवाया.
कुछ दिन पहले ही एक अन्य महिला गेस्ट लेक्चरर डॉ शाहीन खान ने नियमितीकरण में हो रही देरी के विरोध में अपने बालों का मुंडन करा लिया था.
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना है कि कमलनाथ सरकार उनकी मांगने नहीं पूरी कर रही है, न ही सुन रही है. मांगे पूरी ना होने पर सोमवार को दूसरी महिला अतिथि विद्वान लक्सरी दास ने अपने केश त्याग दिए.
सरकार पर 2700 गेस्ट लेक्चरर्स को फालेन आउट नोटिस दिए जाने का आरोप लगाते हुए कई गेस्ट लेक्चरर भोपाल के शाहजहांनी पार्क में धरने पर बैठे हैं.
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी भी धरना स्थल पर जाकर शिक्षकों से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन नियमतिकरण का लिखित आदेश ना मिलने तक अतिथि विद्वान धरना खत्म ना करने पर अड़े हैं.
लगातार 84 दिनों तक धरना देने के कारण कई अतिथि विद्वान बीमार पड़ गए हैं तो वहीं कई अतिथि विद्वान अवसाद में चले गए हैं. कई महिला अतिथि विद्वान तो अपने छोटे छोटे बच्चों को साथ में लेकर धरना दे रही हैं.
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मुताबिक उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी पर कांग्रेस वचनपत्र के महत्वपूर्ण बिंदु क्रमांक 17.22 जिसमे कांग्रेस पार्टी ने अतिथि विद्वानों को नियमितीकरण का वचन दिया था .
उसे पूरा करवाने की जिम्मेदारी बनती है. ऐसे में उन्हें जल्द से जल्द इस दिशा में कदम उठाने चाहिए और अतिथि विद्वानों को नियमित करना चाहिए.