सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहे विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने ग्वालियर में समाप्त हुई अपनी तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में प्रस्ताव पास कर कहा कि हिंदू समाज की परंपराओं और आस्थाओं को संरक्षण की जरूरत है। इस बैठक में सबरीमाला मंदिर मामले को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि कुछ गैर भारतीय शक्तियां हिंदू आस्था और परंपराओं को अनादर करने के लिए योजनाबद्ध षड्यंत्र कर रही हैं।
संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने रविवार को कहा कि जो लोग हिंदू और भारतीय नहीं है, वे लगातार ऐसे विषयों को उठाकर हिंदुओं को अपमानित कर रहे हैं, जो हिंदू समाज की आस्था और परंपराओं से जुड़े हुए हैं। इसको साजिश करार देते हुए जोशी ने कहा कि संघ का मानना है कि समाज केवल संविधान के आधार पर ही नहीं चलता। वह मान्यताओं के आधार पर भी चलता है। जोशी ने आरोप लगाया कि केरल की मार्क्सवादी सरकार के कार्यकलापों ने अयप्पा भक्तों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है।
नास्तिक महिला कार्यकर्ताओं को मंदिर में प्रवेश कराकर भक्तों की भावनाओं को आहत किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी सबरीमाला में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश का फैसला सुनाते हुए कथित तौर पर सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा को अनदेखा किया है। जबकि आस्था से जुड़े मामलों में सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक नेतृत्व से जुड़े लोगों का भी मार्गदर्शन लिया जाना चाहिए। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा सबरीमाला बचाओ समिति को हर तरह से समर्थन देगी।
जोशी ने बताया कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में दो प्रस्ताव पास किए गए। पहला परिवार नाम की संस्था को देश में बचाए रखने के लिए संघ काम करेगा। दूसरा प्रस्ताव हिंदू समाज की परंपराओं एवं आस्थाओं को संरक्षण को लेकर है। पहला प्रस्ताव शनिवार को जबकि दूसरा प्रस्ताव रविवार को पास हुआ। बता दें कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संघ के कार्यों के संबंध में फैसले लेने वाली सबसे बड़ी इकाई है।
अमित शाह को मिला केवल पांच मिनट समय
सूत्रों ने बताया कि बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को मात्र पांच मिनट का मौका दिया गया। शाह ने पांच मिनट में ही पार्टी की उपलब्धियों से सभा को अवगत कराया और आगामी लोकसभा चुनाव में संघ का समर्थन मांगा।
लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करेगा संघ
भैयाजी जोशी ने कहा कि इस चुनाव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ 100 फीसदी मतदान सुनिश्चित कराने और लोगों को मतदान के प्रति जागरूकता लाने को लेकर काम करेगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि स्थानीय स्तर पर संघ के नेता 10 से 15 लोगों की एक टीम बनाएंगे ताकि वे अपने अपने गांवों में शिक्षा और स्वच्छता को बढ़ावा दें।