मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि तब्लीगी जमात के सदस्यों ने विशेष रूप से इंदौर और भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार किया। उन्होंने कहा कि सदस्यों ने जिम्मेदाराना व्यवहार नहीं किया।
चौहान राज्य की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से उठाने और प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में तब्लीगी जमात के लोगों ने वायरस के प्रसार में योगदान दिया। इस आयोजन से इंदौर और भोपाल लौटे लोगों ने दूसरों को भी इससे संक्रमित किया।’
उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने सरकारी कर्मियों के साथ सहयोग नहीं किया। वे छुपे रहे और इसे अपने संपर्क में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आने वाले लोगों में फैलाते रहे। उन्होंने जिम्मेदाराना व्यवहार नहीं किया।
भोपाल और इंदौर में मामले बढ़ने को लेकर चौहान ने कहा कि ये जिला प्रशासन की विशेष देखभाल में हैं। उन्होंने कहा, ‘हम इन क्षेत्रों की परिस्थिति पर करीबी से नजर रख रहे हैं। यहां की स्थिति बेहतर और स्थिर लग रही है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन के 1500 से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं।’
शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश में अब तक 6,170 कोरोनावायरस के मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें इसके वाणिज्यिक शहर इंदौर में 2,850, राज्य की राजधानी भोपाल में 1,153 और धार्मिक नगरी उज्जैन में 504 शामिल हैं। इन शहरों में मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के पांच लाख से अधिक प्रवासी कामगारों को वापस लाने का दावा किया है। ये प्रवासी श्रमिक लॉकडाउन के कारण देश के अन्य राज्यों में फंस गए थे। इनमें से अधिकांश प्रवासी श्रमिकों को सड़क परिवहन के माध्यम से लाया गया।
प्रदेश के नियंत्रण कक्ष के प्रभारी अतिरिक्त मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने शनिवार को बताया कि प्रदेश सरकार शुक्रवार तक अन्य राज्यों में फंसे पांच लाख से अधिक प्रवासी कामगारों को वापस ला चुकी है। उन्होंने कहा कि 3.52 लाख प्रवासियों को बसों और 1.46 लाख लोगों को 119 विशेष रेलगाड़ियों के जरिए लाया गया है।
उन्होंने बताया कि सबसे अधिक 2.02 लाख प्रवासी गुजरात से लाए गए जबकि महाराष्ट्र से 1.12 लाख और राजस्थान से 1.10 लाख प्रवासी आए।
इसके अलावा प्रवासियों को गोवा, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना से भी वापस लाया गया। केशरी ने कहा कि मध्यप्रदेश की सीमाओं पर पहुंचने वाले अन्य राज्यों के श्रमिकों को भी राज्य सरकार उनके प्रदेश की सीमाओं तक पहुंचा रही है।