मध्यप्रदेश में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने अपने मंत्रियों की हार को बेहद गंभीरता से लिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत 12 मंत्रियों को विधान सभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है। पार्टी अपने इन दिग्गज मंत्रियों की हार को पचा नहीं पा रही है। ऐसे में पार्टी अब इस हार की समीक्षा हर पहलू पर करेगी। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि मंत्रियों का हारना हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। हम इसकी समीक्षा करेंगे। हम देखेंगे कि भाजपा के पक्ष की इस लहर के बीच भी ये मंत्री कैसे हार गए।
ये दिग्गज हारे
हारने वाले मंत्रियों में नरोत्तम मिश्रा के अलावा गौरीशंकर बिसेन, राजवर्धन दत्तीगंव, महेंद्र सिंह सिसोदिया, राहुल लोधी, कमल पटेल, प्रेम पटेल, अरविंद भदौरिया, भारत सिंह कुशवाहा, सुरेश धाकड़, रामखिलावन पटेल और रामकिशोर कावरे का नाम शामिल है। ये सभी मंत्री भाजपा के जबरदस्त परफोरमेंश के बीच भी परफॉर्म नहीं कर पाए। इनमें से कई मंत्री 20 हजार से अधिक मतों से पराजित हुए हैं। जबकि कुछ एक हजार के मामूली अंतर से।
बूथ पर विश्लेषण
इधर, बूथ मैनेजमेंट में एक्सपर्ट भाजपा हर उस बूथ का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार कर रही है। जहां उसे हार मिली है। इनमें जीती हुई सीटों के बूथ भी शामिल हैं। दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी अपनी हर कमजोरी को ढूंढकर उसे मिटा देना चाहती है। जहां जो कमी रही है उसे दूर कर लेना चाहती है। ऐसे में हारे हुए बूथ पर पार्टी का फोकस पहले से और ज्यादा हो गया है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में इन बूथों को जीतने का लक्ष्य रखा है।
सत्ता में वापसी का रास्ता
इधर, विधान सभा चुनाव के बाद लोकसभा को लेकर भाजपा ने काम शुरू कर दिया है। चर्चा है कि हारे हुए मंत्रियों में से कई चेहरों को लोकसभा में मौका दिया जा सकता है। विधान सभा चुनाव में हार के बाद सत्ता से दूर हुए मंत्री भी लोकसभा के रास्ते एक बार फिर पावर में वापसी करना चाहते हैं। नरोत्तम मिश्रा और गौरीशंकर बिसेन के नाम अभी से सांसद के लिए चर्चा में आ गए हैं।
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