पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीएम पद के सभी दावेदारों को दिल्ली बुला लिया है। राहुल केंद्रीय पर्यवेक्षकों से मुलाकात कर विधायकों की राय जानेंगे। उम्मीद है कि तीनों राज्यों के सीएम के नाम पर फैसला गुरुवार को हो जाएगा।विधानसभा चुनावो में ऐतिहासिक विजय प्राप्त करने वाली कांग्रेस में अब मुख्यमंत्री चयन को लेकर घमासान मचा हुआ है। मध्यप्रदेश व राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर तकरार सामने आ गई है। इन दोनों राज्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम का फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया गया है।
एंटनी के सामने नारेबाजी
बता दे की पर्यवेक्षक एके एंटनी की मौजूदगी में मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक दल ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर नया नेता चुनने का अधिकार राहुल को सौंपा। सूत्रों की माने तो पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ का सीएम बनना लगभग तय है पर एलान राहुल की औपचारिक मुहर के बाद ही किया जाएगा।वही कहा जा रहा है कि सीएम की दौड़ में शामिल ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी मना लिया गया है। एंटनी के सामने दोनों के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। कमलनाथ ने देर शाम पार्टी नेताओं के साथ 121 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल आनंदीबेन को सौंपकर सरकार बनाने का दावा किया। राज्यपाल से मिलकर पार्टी नेताओं ने कहा कि 15 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा इसलिए उससे पहले ही सरकार बनाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
राजस्थान में भी यही स्थिति
वही यदि बात राजस्थान की करें तो राजस्थान में अशोक गहलोत ने सचिन पायलट व अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल कल्याण सिंह से मिलकर सरकार बनाने का दावा किया है। इससे पहले केंद्रीय पर्यवेक्षक केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में विधायक दल की बैठक में सीएम पर फैसले का अधिकार आलाकमान को सौंपा। बैठक में सचिन पायलट व अशोक गहलोत के प्रशंसकों ने अपने नेता को सीएम बनाने की मांग को लेकर नारेबाजी की। वहीं छत्तीसगढ़ में केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में पार्टी विधायकों ने सीएम के नाम पर फैसला लेने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को अधिकृत किया है।