अपनी सुविधा के लिए एसी-कूलर लगाने वाले लोग तो आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन कोई व्यक्ति गर्मियों में गोवंश को एसी-कूलर में रखकर खुद वटवृक्ष के नीचे साधारण कुटिया में रहे तो अनूठी मिसाल ही होगी।
रायसेन जिले का प्रसिद्ध बापोली धाम गोसेवा की ऐसी ही अनूठी मिसाल है। यहां गायों के लिए सामान्य दिनों में पंखे और तेज गर्मी में एसी चलते मिलेंगे।
रायसेन जिले के बरेली के पास स्थित बापोली धाम में गोसेवा की परंपरा यूं तो कई वर्षों से चली आ रही है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यहां के संत जम्मू वाले गुरुजी संतलाल बाबा ने नवाचार किए हैं।
वे इस आश्रम में वटवृक्ष के नीचे बनी कुटिया में रहते हैं। जबकि यहां रहने वाले 100 से अधिक गायों व बछियाओं के लिए चार बड़े एसी और 10 से अधिक पंखे लगवाए हैं। गोशाला में सभी गोवंश के साथ समान व्यवहार किया जाता है। दुधारू गायों से लेकर बुजुर्ग और अन्य गोवंश के लिए समान सुविधाएं हैं।
सफाई में अव्वल यह गोशाला जैविक खाद बनाने में भी पीछे नहीं है। यहां से किसानों को जैविक खाद मुफ्त दी जाती है, ताकि वे रासायनिक खेती की बजाय जैविक खेती से जुड़ें।
गोवंश को ही खेती का आधार मानने वाले संतलाल बाबा कहते हैं कि गोवंश नहीं बचेगा तो खेती नहीं बचेगी। वे गोवंश को इतनी सुविधाएं देने के प्रयास को गुरुकृपा बताते हैं।
प्रतिदिन स्वयं गोवंश की सेवा करते हैं। ज्ञान, कर्म और भक्ति की त्रिवेणी माने गए बापोली वाले गुरुजी की साधना स्थली रहे इस धाम पर गोसेवा बिना किसी दिखावे के चल रही है।