बठिंडा के रामपुरा फूल विधानसभा क्षेत्र से अकाली दल के नेता और पूर्व पंचायत मंत्री सिकंदर सिंह मलूका को पुलिस ने उनके गांव मलूका स्थित आवास में नजरबंद कर दिया। मूलका रविवार को मजीठिया की पेशी के दौरान विरोध प्रदर्शन के लिए समर्थकों के साथ चंडीगढ़ जाने वाले थे।
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की आज (रविवार) विजिलेंस रिमांड के बाद मोहाली की अदालत में पेश किया जाना है। इसे देखते हुए पंजाब सरकार ने अकाली नेताओं द्वारा संभावित विरोध प्रदर्शनों से बचने के लिए पहले से सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसी सिलसिले में बठिंडा के रामपुरा फूल विधानसभा क्षेत्र से अकाली दल के नेता और पूर्व पंचायत मंत्री सिकंदर सिंह मलूका को रविवार सुबह ही पुलिस ने उनके गांव मलूका स्थित आवास में नजरबंद कर दिया। जानकारी के अनुसार, पुलिस की आधा दर्जन से ज्यादा गाड़ियां गांव में पहुंचीं और मलूका को चंडीगढ़ जाने से रोक दिया गया।
इस कार्रवाई पर मलूका ने आप सरकार की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करना बताया। मूलका ने कहा कि आप सरकार की खुली तानाशाही और नादिरशाही सोच का नतीजा है। हमें हमारा लोकतांत्रिक हक भी नहीं दिया जा रहा।
गौरतलब है कि मजीठिया की पिछली पेशी के दौरान भी अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल समेत कई वरिष्ठ नेताओं को या तो हिरासत में ले लिया गया था या फिर नजरबंद किया गया था।
पुलिस को आशंका है कि मलूका अपने हलके में अच्छा जनाधार रखते हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में समर्थकों को लेकर चंडीगढ़ की ओर कूच कर सकते हैं। इसी खतरे को देखते हुए पुलिस ने पहले ही उन्हें नजरबंद कर दिया। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर पंजाब की सियासत में तनाव का माहौल बना दिया है।
सुनाम में विनरजीत गोल्डी को पुलिस ने रोका
इसी तरह अकाली दल वर्किंग कमेटी के सदस्य विनरजीत गोल्डी को चंडीगढ़ जाने से पुलिस ने रोक दिया है। गोल्डी भी अपने समर्थकों के साथ मजीठिया की पेश के दौरान विरोध जताने चंडीगढ़ जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें सुनाम में घर पर नजरबंद किया है। इस पर गोल्डी ने कहा कि पंजाब सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है।