एक नया पाकिस्तान देने का वादा करके सत्ता में आए इमरान खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। लगातार बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के बाद देश में व्याप्त भ्रष्टाचार से भी वो विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। इस बार जिसकी वजह से उनकी किरकिरी हो रही है वो और कोई नहीं, बल्कि पाक सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा हैं। पाकिस्तान के ही एक पत्रकार अहमद नूरानी ने सबसे पहले उनके द्वारा भ्रष्ट तरीके से एकत्रित की गई अरबों की संपत्ति का खुलासा किया था। बाद में इस पत्रकार ने ट्वीट कर कहा था कि उन्हें इस खुलासे के बाद जान से मारने की धमकी मिल रही हैं।
उनके मुताबिक इस तरह के सौ से ज्यादा मैसेज उन्हें आ चुके हैं। अहमद नूरानी ने ही पाकिस्तान की चर्चित वेबसाइट फैक्ट फोकस पर पाकिस्तानी जनरल असीम बाजवा की संपत्ति को लेकर खुलासा किया था। गंभीर आरोपों को विपक्ष के हमलावर होने के बाद सरकार पर बने दबाव की वजह से बाजवा को इस्तीफा देना पड़ा है।हालांकि बाजवा लगातार इन आरोपों को खारिज कर खुद को ईमानदार बता रहे हैं। उनका आरोप है कि ये रिपोर्ट झूठी है और ये सब कुछ उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर उनकी छवि को खराब करने की कोशिशों के तहत किया जा रहा है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि नवाज शरीफ को भ्रष्ट बताते हुए इमरान खान की सरकार ने उन पर मामला दर्ज किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इस मामले का खुलासा होने के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हावी हो रहा है और जांच की मांग कर रहा है। आपको बता दें कि जनरल बाजवा फिलहाल चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के चेयरमैन के साथ-साथ प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक भी हैं। इस प्रोजेक्ट पर चीन अरबों का निवेश कर रहा है। इसको दोनों ही देशों का एक ड्रीम प्रोजेक्ट भी बताया गया है। ‘फैक्ट फोकस’ में पब्लिश रिपोर्ट के अुनसार, भ्रष्टाचार के मामलों में केवल जनरल बाजवा ही शामिल नहीं हैं, बल्कि इसमें उनके भाई, पत्नी और दो बेटे भी शामिल हैं। आरोप है कि उन्होंने भ्रष्ट तरीके से अर्जित की हुई संपत्ति से एक बड़ा बिजनेस एंपायर खड़ा कर लिया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया कि उनके अंतर्गत आने वाली 99 कंपनियों में से 66 मुख्य कंपनियां हैं, जबकि 33 कंपनियों को बतौर फ्रेंचाइजी शुरू किया गया है। पांच कंपनियां बंद हो चुकी हैं। रिपोर्ट की मानें तो बाजवा परिवार की कंपनियां, जिसको बाजको ग्रुप से जाना जाता है, के लिए पांच करोड़ डॉलर से अधिक खर्च किए गए। इतना ही नहीं, उन्होंने इस भ्रष्ट संपत्ति से अमेरिका में करीब डेढ़ करोड़ डॉलर की संपत्ति भी खरीदी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजवा के बेटों ने 2015 में बाजको ग्रुप की कंपनियों को ज्वाइन किया था। उन्होंने पाकिस्तान, अमेरिका में बाजको ग्रुप से कई दूसरी कंपनियों की भी शुरुआत की। उनके पास पिज्जा कंपनी, 133 रेस्टोरेंट समेत चार देशों में 99 कंपनियां है। इनका अनुमानित मूल्य सवा तीन करोड़ डॉलर से अधिक है। फैक्ट फोकस की रिपोर्ट के मुताबिक, बाजवा की पत्नी के पास मौजूद संपत्ति की कीमत पांच करोड़ डॉलर से अधिक है। इसके मुताबिक उनकी पत्नी शुरुआत से ही उनकी कंपनियों में एक शेयरहोल्डर के रूप में रही हैं। वर्तमान में, वह 85 कंपनियों में शेयरहोल्डर है, जिनमें से 82 विदेशी कंपनियां है। बाजको ग्रुप की कंपनियों में से अमेरिका में 71, यूएई में सात और कनाडा में चार कंपनियां हैं।
रिपोर्ट में जो खुलासा किया गया है वह काफी चौंकाने वाला है। इसके मुताबिक उनके भाई कभी पिज्जा कंपनी में एक डिलीवरी ब्वॉय के रूप में काम करते थे। लेकिन अब वह 133 रेस्टोरेंट के अलावा अपनी फूड चेन के मालिक हैं। बाजवा परिवार ने पिछले दस वर्षों में अमेरिका में 13 कमर्शियल और पांच रिहायशी संपत्तियों की खरीद की है। इन सभी का अनुमानित मूल्य डेढ़ करोड़ डॉलर के करीब है। वहीं जिन कंपनियों के वो मालिक हैं उनकी कीमत करीब सवा करोड़ डॉलर के आसपास है। रिपोर्ट के मुताबिक बाजवा के तीन बेटे पाकिस्तान में माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, मार्केटिंग, रियल एस्टेट, ब्रेवरेज, फैशन और कॉस्मेटिक मैन्युफैक्चरिंग और इंवेस्टमेंट कंपनियों से जुड़े हैं। इनमें से ज्यादातर कंपनियों के वो खुद स्वामी हैं। इसके अलावा अमेरिका में तीन कंपनियां भी इनके ही स्वामित्व में हैं। इन सभी को वर्ष 2015 के बाद शुरू किया गया था।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि सेना ने ही बाजवा को इमरान खान का विशेष सचिव बनाया था। आपको बता दें कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार और सेना के अत्याचारों के खिलाफ पहले से ही बलूच, सिंधी और पश्तून समुदाय के लोग खिलाफ हैं। काफी समय से ये सभी पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं। ताजा मामले के बाद पाकिस्तान की आम जनता का विश्वास देश की सरकार और सेना से पूरी तरह से हिल गया है। बलूच समुदाय पहले से ही इस बात को कहता आ रहा है कि सेना और सरकार के लोग उनकी चीजों पर हक जमाकर उन्हें ही बेदखल कर रहे हैं और भ्रष्ट तरीके से पैसा कमाने में लगे हैं।