रेल यात्रियों को कंफर्म टिकट देकर मुंहमांगा पैसा लेने के लिए भोपाल में भी ई-टिकटिंग का अवैध कारोबार किया जा रहा है। बुकिंग एजेंट अलग-अलग नाम से कई व्यक्तिगत आईडी आईआरसीटीसी में बना कर टिकट बुक कर रहे हैं। इसी तरह से आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंट भी तत्काल आरक्षण शुरू होने के साथ ही व्यक्तिगत आईडी से बुकिंग शुरू कर देते हैं। एजेंट लॉगिन से उन्हें 15 मिनट बाद टिकट बुक करने की सुविधा है, इसलिए वह ऐसा कर रहे हैं। भोपाल रेल मंडल में रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने साल भर के भीतर ऐसे 66 टिकट बुकिंग एजेंटों को पकड़ा है। इनमें करीब 60 भोपाल के हैं। एजेंटों के साथ अन्य को मिलाकर 75 लोगों आरपीएफ एक्ट की धारा 143 के तहत गिरफ्तार किया है।
आरपीएफ के अफसरों ने बताया कि ईटिकटिंग एजेंटों के यहां औचक निरीक्षण किया जाता है। गड़बड़ी पकड़ने के लिए मौके पर गए बल को खुद किसी जगह का रिजर्व टिकट बनवाने को कहा जाता है। इसमें एजेंट पकड़ जाता है। इसके बाद यह देखा जाता है उसने उस आईडी से कितने टिकट बुक किए हैं। आगे की यात्रा वाले उन सभी टिकटों को ब्लाक कर दिया जाता है जो अवैध तरीके से बनाए गए होते हैं। आरपीएफ के अफसरों ने बताया कि पिछले साल अवैध टिकट बनाते पकड़ाए 66 एजेंटों पर 3 लाख 94 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है।
छह लाख रुपए के टिकट ब्लाक
पकड़े गए एजेंटों से उनकी लॉगिन से बनाए गए टिकटों की जानकारी निकाली गई। इसके बाद आरपीएफ ने इन टिकटों को ब्लॉक कर दिया। यानी यात्री टिकटों से यात्री यात्रा नहीं कर पाए। इन टिकटों की कीमत करीब 6 लाख रुपए थी। इस महीने दो एजेंट इसी तरह से टिकट बनाते पकड़ाए हैं। उनके द्वारा बनाए 2067 रुपए के टिकट ब्लाक किए गए ।
एजेंटों के फर्जीवाड़े से बचना हैं तो इस पर ध्यान दें
– इस झांसें में न आएं कि एजेंट से टिकट बुक कराने पर कंफर्म टिकट मिलेगा या बाद में कंफर्म हो जाएगा।
– ईटिकट में यह लिखा रहता है कि एजेंट लॉगिन या व्यतिगत लॉगिन से टिकट बुक किया गया है। एजेंट लॉगिन में उसका कमीशन में भी लिखा रहता है।
– टिकट बनवाने के बाद भारतीय रेल की अधिकृत वेबसाइट में दिए गया पीएनआर नंबर डालकर देख लें टिकट सही बना है या नहीं।
यह है नियम
– एसी क्लास के तत्काल आरक्षण सुबह 10 से 11 और स्लीपर क्लास के 11 से 12 बजे तक बनते हैं। एजेंट अपनी लॉगिन से 15 मिनट बाद ही टिकट बना सकते हैं।
– व्यक्तिगत लॉगिन से हर महीने 6 टिकट व आधार से लिंक करने पर 12 टिकट बनाए जा सकते हैं।
– एजेंट किसी तरह की गड़बड़ी न करें, इसलिए आईआरसीटीसी ने ऐसी व्यवस्था की है कि 35 सेकेंड के पहले तत्काल टिकट नहीं बन सकता।
आईआरसीटीसी हमेशा ऐसे एजेंटों पर नजर रखता है। आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। लोग कंफर्म टिकट की आस में एजेंटों से टिकट कराते हैं। सिद्धार्थ सिंह, प्रवक्ता आईआरसीटीसी