कोरोना महामारी के चलते चहुंओर हाहाकार मचा हुआ है। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए टीकाकरण से लेकर लाकडाउन तक हर संभव उपाय सरकार की ओर से किया जा रहा है। लेकिन जब सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास नाकाफी होते दिखे तो उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने कमान संभाली। यह सर्वविदित है
कि कोरोना के चलते जहां लोगों की जान पर बनी हुई है वहीं लाकडाउन ने कईयों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा कर दिया है। हालत यह हो रही है कि जब लॉक डाउन लगा तो कई लोगों के पास खाने तक के पैसे उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कोविड-19 महामारी से परेशान जरूरतमंद लोगों के लिए सेवाकार्य शुरू करते हुए उनके लिए भोजन की व्यवस्था की।
सपा मुखिया ने अपनी पार्टी के सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को महामारी के इस दौर में जरूरतमंदों की हर संभव मदद करने का निर्देष दिए। उन्होंने यहां तक कहा कि जो सेवा कार्य किया जाये जरूरी नहीं कि उसका प्रचार प्रसार भी हो। बिना शोर शराबे के लोगों की मदद की जाये। यही वजह है कि राजधानी लखनऊ के अधिकांष अस्पतालों में भर्ती मरीजों ही नहीं बल्कि उनके तीमारदारों के लिए भी भोजन की व्यवस्था विधिवत चल रही है। लाकडाउन और परेषानियों के इस दौर में जिन्हें भोजन सुलभ हो रहा है वह मुक्तकंठ से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेष यादव को आषीष दे रहे हैं। भोजन बाँट रहे एक शख्स से जब इसके विषय में पूछा गया तो उसने कहा कि अखिलेश यादव जी संकल्पित हैं कि किसी भी व्यक्ति को परेशान होने नहीं देंगे, ऐसे कई प्रयासों को उन्होंने चुपचाप चलाते रहने के निर्देश दिए हैं। जाहिर है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव एवं उनके परिवार द्वारा इस पूरे कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों की निःशुल्क भोजन सेवा द्वारा इस मुश्किल घड़ी में जो भागीरथ प्रयास किया जा रहा है, उसकी प्रषंसा होनी चाहिए। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि यह सेवा बिना किसी राजनीतिक स्वार्थ के की जा रही है।