पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज से अपने देश में लॉकडाउन हटाने का फैसला किया है. ऐसा बिल्कुल नहीं है कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस काबू में आ चुका है. लेकिन इमरान खान की दलील है कि लॉकडाउन पाकिस्तान में लागू रहा तो वायरस से बड़ी तबाही मचाएगा क्योंकि सरकार के पास पैसे नहीं हैं.
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में पांच हफ्ते के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने लॉकडाउन खोलने का एलान किया है. इमरान ने कहा कि लॉकडाउन में हालात ठीक नहीं है.
सरकार तो पहले ही बहुत मुश्किल से चल रही थी, हम तो सबको पैसे नहीं दे सकते. तुलना करें हिंदुस्तान से जिसके हालात हमसे बेहतर थे, हमने तो बहुत ज्यादा पैसा दिया हुआ है लेकिन हम कितनी देर तक पैसे दे सकते हैं. लिहाजा हमें लॉकडाउन खोलना है लेकिन अक्लमंदी से.
लॉकडाउन खोलने का एलान करते वक्त भी इमरान हिंदुस्तान का जिक्र करना नहीं भूले और उनकी नीयत में सिर्फ एक ही बात थी कि पाकिस्तान, हिंदुस्तान से ज्यादा अपनी जनता का ख्याल रखता है.
लेकिन इमरान ये भूल गए कि 22 करोड़ की आबादी वाला पाकिस्तान उनसे संभलता नहीं और 125 करोड़ से बड़ी आबादी वाले हिंदुस्तान से अपनी तुलना कर रहे हैं.
कोरोना वायरस से भारत कैसे निपट रहा है इसका लोहा पूरी दुनिया मान रही है. भारत के प्रधानमंत्री मोदी की मिसालें दी जा रही हैं. पाकिस्तान तो 5 हफ्तों का लॉकडाउन भी बर्दाश्त ना कर सका.
पाकिस्तान में लॉकडाउन की वजह से अब तक ढाई लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है. पौने दो करोड़ नौकरियां जाने की आशंका जताई गई है. कोरोना वायरस से निपटना दुनिया के हर देश के लिए चुनौती है.
लेकिन पाकिस्तान भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका देश है जहां बेरोजगारी से लेकर महंगाई तक ने पिछले कई महीनों से हाहाकार मचा रखा है. अब इस लॉकडाउन ने पाकिस्तान सरकार की कमर तोड़कर रख दी है.
8 मई तक पाकिस्तान में कोरोना वायरस संक्रमण के 25 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. अनुमान जताया गया है कि मध्य जुलाई तक पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण के 2 लाख मामले सामने आ सकते हैं.
पाकिस्तान में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन एक सच ये भी है कि कोई भी देश हमेशा के लिए लॉकडाउन नहीं रख सकता क्योंकि अर्थव्यवस्था को भी चलाना है. इमरान सरकार ने अलग-अलग चरणों में लॉकडाउन खोलने का एलान किया है.