भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को तीस हजारी कोर्ट ने राजधानी दिल्ली आने की इजाजत दे दी है. हालांकि, ये इजाजत सशर्त दी गई है. मंगलवार को सुनवाई करते हुए दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आदेश दिया कि चंद्रशेखर अगर दिल्ली आना चाहते हैं तो उन्हें अपने पूरे कार्यक्रम की जानकारी पहले ही देनी होगी.
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने के बाद भीम आर्मी चीफ को गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, बाद में जब उन्हें जमानत दी गई तो दिल्ली से बाहर भेज दिया गया.
तीस हजारी कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि चंद्रशेखर को दिल्ली में कब आना है, कहां आना है और क्या करना है इसकी पूरी जानकारी क्षेत्र के DCP को देनी होगी. जज की ओर से कहा गया कि आज के समय में सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी बात पहुंचाई जा सकती है, ऐसे में कहीं मौजूद होने की जरूरत नहीं है.
पहले अदालत ने दिल्ली चुनाव के मद्देनज़र भीम आर्मी प्रमुख को चार हफ्ते बाहर रहने का आदेश दिया था, लेकिन अब आदेश मॉडिफाई कर दिया गया है.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान चंद्रशेखर के वकील महमूद प्राचा ने अदालत में एक शख्स का बयान पढ़ा. अब्बास का बयान पढ़ते हुए वकील ने कहा कि उनका कहना है कि चंद्रशेखर उनके यहां पर रुक सकते हैं, इससे कोई परेशानी नहीं होगी.
हालांकि, सरकारी वकील की ओर से इसका विरोध किया गया. सरकारी वकील ने अदालत में कहा कि चंद्रशेखर के दिल्ली में सुरक्षा को खतरा हो सकता है. जिसके जवाब में चंद्रशेखर के वकील ने कहा कि उन्हें एक PSO दिया जाए, जो उनपर हमेशा नज़र रखता रहे. वकील बोला कि उन्हें दिल्ली में आने से इसलिए रोका जा रहा है क्योंकि वो SC जाति से हैं.
गौरतलब है कि चंद्रशेखर आजाद ने नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ जामा मस्जिद के प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. तब उन्होंने वहां से बिना इजाजत के मार्च निकाला था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. चंद्रशेखर को तिहाड़ जेल भेजा गया था, हालांकि बाद में उन्हें सशर्त जमानत मिली.
तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद भीम आर्मी प्रमुख ने जामा मस्जिद, रविदास मंदिर, गुरुद्वारे का दर्शन किया था. इसी के बाद दिल्ली से रवाना हुए थे और सहारनपुर में थाने में हाजिरी दी थी.