नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने भारत के साथ जलमार्ग और रेलवे विस्तार लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा की है। उन्होंने अधिकारियों को भारतीय सीमा के पास हनुमाननगर से त्रिवेणी और देवघाट तक स्टीमर सेवाओं के संचालन शुरू करने का निर्देश दिया है।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने रविवार को भारत के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने की क्षमता पर जोर दिया है। उन्होंने देश के जलमार्ग और रेलवे के विकास को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया है। रविवार को ओली ने भौतिक अवसंरचना और परिवहन मंत्रालय के तहत सड़क विभाग की वार्षिक प्रगति की समीक्षा की बैठक की। इस दौरान ओली ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि भारतीय सीमा के पास हनुमाननगर से त्रिवेणी और देवघाट तक स्टीमर सेवाओं के संचालन के लिए एक योजना बनाकर मसौदा तैयार करें।
‘1970 में कानून बनने के बाद भी अब तक स्टीमर नहीं चलाया गया’
ओली ने कहा कि 1970 से नेपाल में स्टीमर सेवाओं की अनुमति देने वाले कानून बन गया था लेकिन इसके बावजूद ऐसे बुनियादी ढांचे का उपयोग नहीं किया गया है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने जोर देते हुए कि जलमार्ग परिवहन माल और लोगों की आवाजाही के लिए एक लागत प्रभावी तरीका है। ओली ने अधिकारियों को देश में जल्द ही स्टीमर संचालित करने की योजना पर काम करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, “हमें इस उद्देश्य के लिए हनुमाननगर में एक बंदरगाह, एक सीमा शुल्क कार्यालय और वीजा केंद्र स्थापित करना चाहिए।”
रेलवे सेवाओं के विस्तार के लिए भी दिया जोर
जलमार्गों के अलावा ओली ने नेपाल की रेलवे सेवाओं के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को मौजूदा जनकपुर-कुर्था रेलवे लाइन में दो रेलवे लाइनें जोड़ने के लिए कहा है। ओली ने नेपाल में एक पूर्व-पश्चिम रेलवे लाइन के विकास का भी प्रस्ताव रखा। इसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे नेपाल के रास्ते गुवाहाटी (असम) से दिल्ली और सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से हरिद्वार तक यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को भी फायदा होगा।
ओली ने कहा कि अगर काठमांडू में भूमिगत ट्रेन सेवाएं संभव नहीं हो पाए तो स्काई रेल का विकल्प भी देख सकते हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि परिवहन क्षेत्र की परियोजनाओं में सार्वजनिक लाभ, समय दक्षता और यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।