भारत में हैं 12 ज्योतिर्लिंग, आप भी जाने कौन से समय किस ज्योतिर्लिंग की पूजा करना हो सकता हैं आपके लिए लाभदायक

ज्योतिष के अनुसार यदि हम 12 ज्योतिर्लिंगों में से अपनी राशि के आधार पूजा करते हैं तो अधिक और जल्द पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके लिए जरूरी नहीं कि उस स्थान पर जाया ही जाए, जहां आपकी राशि से संबंधित ज्योतिर्लिंग स्थित है। आप किसी मंदिर में ज्योतिर्लिंग की पूजा करते हुए अपने ईष्ट ज्योतिर्लिंग का ध्यान कर सकते हैं। सावन के पहले सोमवार पर अपनी राशि के अनुसार आपको किस ज्योतिर्लिंग का पूजन करना चाहिए , जानें यहां…

12 ज्योतिर्लिंगों में पहले ज्योतिर्लिंग हैं सोमनाथ जी। सावन के सोमवार में मेष राशि में जन्मे लोगों को इनका ध्यान और पूजन करना चाहिए।

आपके लिए मंत्र – ‘ह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रीं’

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भगवान मल्लिकार्जुन वृष राशि के स्वामी माने जाते हैं। ये शैल पर्वत पर स्थित हैं। इस राशि के जातकों को पूरे सावन या हर सोमवार मल्लिकार्जुन की पूजा और ध्यान करना चाहिए। सौभाग्य में वृद्धि होगी।

आपके लिए मंत्र- ‘ ओम नमः शिवाय’

मिथुन राशि और तीसरा ज्योतिर्लिंग

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में तीसरे स्थान पर हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तीसरी राशि मिथुन को पूरे सोमवार महाकालेश्वर का ध्यान और पूजन करना चाहिए। यह ज्योतिर्लिंग उज्जैन में स्थित है।

आपके लिए मंत्र – ‘ओम नमो भगवते रूद्राय’

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कर्क राशि और चौथा ज्योतिर्लिंग

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग चौथा ज्योतिर्लिंग है। यह मध्य प्रदेश में नर्मदा के तट पर स्थित है। कर्क राशि में जन्मे लोगों को ओंकारेश्वर का ध्यान-पूजन करना चाहिए।

आपके लिए मंत्र- ‘ओम हौं जूं सः’

सिंह राशि में जन्मे लोगों को वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए। वैद्यानाथ पर अन्य पूजा सामग्री के साथ ही भांग, धतूरा चढ़ाने से विशेष लाभ मिलता है।

आपके लिए मंत्र- ‘ओम त्र्यंबकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनम। उर्वारूकमिव बन्ध्नान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।’

कन्या राशि और छठां ज्योतिर्लिंग

कन्या राशि के जातकों को महाराष्ट्र की भीमा नदी के किनारे स्थित भगवान भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का ध्यान करना चाहिए। इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए दूध में घी मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं।

आपके लिए मंत्र- ‘ओम नमो भगवते रूद्राय’

तुला राशि के लिए सातवें ज्योतिर्लिं

भगवान राम ने त्रेतायुग में तमिलनाडू में रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी। यह ज्योतिर्लिंग आपकी राशि का ईष्ट शिवस्वरूप है। आप दूध में मीठे बताशे मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराते समय इनका ध्यान करें। हो सके तो आक का फूल भी अर्पित करें।

आपके लिए मंत्र- ‘ओम नमः शिवाय’

वृश्चिक राशि और आठवां ज्योतिर्लिंग
इस राशि में जन्मे लोगों को गुजरात के द्वारका में स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का ध्यान और पूजन करना चाहिए। आप दूध, धान की खील (लावा) से शिवलिंग को स्नान भोग कराएं। साथ ही गेंदे के फूल और बेल के पत्तों से शिवलिंग का श्रृंगार करते हुए नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का ध्यान करें।

आपके लिए मंत्र- ‘ह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रीं’

धनु राशि और नौवां ज्योतिर्लिंग

धनु राशि के जातकों को बाबा भोलेनाथ के वाराणसी स्थिति विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का पूजन करना चाहिए। आप शिवलिंग पर गंगाजल में केसर मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं और विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का ध्यान करें।

आपके लिए मंत्र- ‘ओम तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्रः प्रचोदयात।’

मकर राशि और दसवां ज्योतिर्लिंग
इस राशि में जन्मे जातकों को महाराष्ट्र के नासिक स्थित भगवान शिव के त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग का पूजन करना चाहिए। आप गंगाजल में गुड़ मिलाकर शिवजी का अभिषेक करें। नीले रंग के फूल और धतूरा अर्पित करते हुए त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग का ध्यान करें।

आपके लिए मंत्र – ‘ओम नमः शिवाय’

कुंभ राशि और ग्यारवां ज्योतिर्लिंग

कुंभ राशि में जन्मे लोगों को उत्तराखंड के केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग का पूजन करना चाहिए। आप किसी भी शिव मंदिर में शिवलिंग का पूजन पंचामृत, कमल के फूल और धतूरा से करते हुए केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का ध्यान करें।

आपके लिए मंत्र- ‘ओम नमः शिवाय’

मीन राशि और बारहवां ज्योतिर्लिंग

इस राशि में जन्मे लोगों को घुष्मेश्वर ज्योतिर्लिंग का ध्यान करते हुए शिव पूजन करना चाहिए। भगवान घुष्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित हैं। आप शिवलिंग पर गाय का घी और शहद अर्पित करते हुए मन ही मन इनका ध्यान करते रहें।

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