जर्मनी में शादी के दिन चीनी के बर्तन तोड़े जाते हैं और उसकी सफाई का जिम्मा दूल्हा-दुल्हन का होता है। कुछ ऐसी ही दिलचस्प रस्में इटली और स्पेन में भी हैं। शादी से जुड़ी दिलचस्प रस्में जितनी भारत में हैं उतनी ही मजेदार परंपराएं विदेशों में भी निभाई जाती है। भारत में दूल्हे के जूते चुराने की रस्म हंसी-ठिठोली से भरी होती है लेकिन चीन में दुल्हन के जूते छिपाने का रिवाज है। शादी के दिन दुल्हन के रोने के अंदाज को उसकी परवरिश से जोड़कर देखा जाता है इसलिए चीन में विवाह के एक माह पहले रोजाना एक घंटे दुल्हन रोती है।
चीन में विवाह से जुड़ी हुई प्राचीन रस्मों का झोउ गोंग नामक राजकुमार ने छह: नियमाें का संस्कारों की पुस्तक में ज़िक्र किया था। दूल्हा-दुल्हन के घर पालकी लेकर ढोल बजाते हुए जाते था जहां उसका रास्ता वधू पक्ष द्वारा रोक लिया जाता है। ‘होंग बाओ’ यानी धन से भरा लिफ़ाफ़ा उनके सुपुर्द करने के बाद ही दूल्हे को अंदर आने दिया जाता है। साथ ही दुल्हन के जूते भी परिवार और दोस्तों के द्वारा छिपा दिए जाते हैं और दूल्हे को जूते ढूंढने पड़ते हैं इसके बाद ही उसे दुल्हन को ले जाने दिया जाता है। रस्म के पीछे उद्देश्य है कि वर को वधू की अहमियत का भान होना चाहिए और उसे पाना इतना आसान नहीं है।
शादी के दूसरे दिन ‘टी सेरेमनी’ का आयोजन किया जाता है जिसमें दूल्हा और दुल्हन चाय सर्व करते हैं। यहां पहले दुल्हन केवल लाल रंग का जैकेट, स्कर्ट और पर्दा रखती थीं क्योंकि इसे शुभ रंग माना जाता है। आजकल शादी के दिन दुल्हन चार से पांच बार पोशाक बदलती हैं। यहां पारम्परिक क्विपाआे (चीनी पोशाक का प्रकार) या पश्चिमी गाउन आजकल चलन में है। भारत की ही तरह चीन में भी शादी के दूसरे दिन दुल्हन दोनों परिवारों के लिए नाश्ता बनाती है। परिवार के बड़े सदस्य उसे ताेहफ़ा देते हैं और सभी का औपचारिक परिचय दुल्हन को दिया जाता है।
सिचुआन प्रांत में शादी के एक माह पूर्व से दुल्हन को रोज़ एक घंटे के लिए रोना होता है। एक हफ़्ते बाद दुल्हन की मां, दो हफ़्ते बाद दादी मां और फिर बहनें दुल्हन के साथ रोने में साथ देती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शादी वाले दिन लड़की को रोने पर लोग यह न समझें कि उसकी अच्छी परवरिश नहीं हुई है।
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जर्मनी में सामान्यत: शादी से एक दिन पहले अच्छे भाग्य के लिए मेहमानों द्वारा चीनी के बर्तनों तो पटककर तोड़ा जाता है और इन्हें साफ़ करने का ज़िम्मा जोड़े पर होता है। दोनों मिलकर उस जगह को साफ़ करते हैं, यह रस्म इस बात का संदेश देने के लिए होती है कि उन्हें आगे भी जीवन की हर बाधा को इसी तरह साथ मिलकर पार करना है। इसी तरह की एक रस्म की निबाह शादी के कार्यक्रम के बाद भी होती है जिसमें नवविवाहित जोड़े को साथ मिलकर एक बड़ी लकड़ी को काटना होता है।
रिसेप्शन सेरेमनी में आमतौर पर दुल्हन सफ़ेद ड्रेस तथा दूल्हे की ड्रेस काले रंग की होती है। आधी रात को वेडिंग केक काटा जाता है। दोनों मिलकर इस केक को काटते हैं और माना जाता है कि केक काटते वक़्त जिसका हाथ दूसरे के ऊपर रहेगा उसका घर में राज रहेगा। अपने हाथ को ऊपर रखने के लिए जोड़े को काफ़ी जद्दोज़हद करनी पड़ती है। चर्च से कार्यक्रम स्थल पर जाने के लिए कारों पर सफ़ेद रिबन बांधी जाती है और वे पूरे रास्ते कार का हॉर्न बजाते हुए स्थल पर पहुंचते हैं। यहां भी चर्च से निकलते वक़्त जोड़े पर मेहमानों द्वारा चावल डाला जाता है।
यहां शादी तय होने पर दूल्हा होने वाली दुल्हन के पिता को घड़ी तोहफ़े में देता है। रिसेप्शन पर दुल्हन की पोशाक में लेस वाली ओढ़नी ज़रूरी होती है जिसे ‘मैंटिला’ कहते हैं। पारम्परिक तौर पर रिसेप्शन के लिए दुल्हन की ड्रेस और मैंटिला दोनों काले रंग की होती थी लेकिन आजकल महिलाएं सफ़ेद रंग की ड्रेस को वरीयता देती हैं। यहां दुल्हन सगाई की अंगूठी को बाएं हाथ की रिंग फिंगर में पहनती हैं जबकि शादी की अंगूठी को दाएं हाथ की रिंग फिंगर में।
स्पेनिश कैथोलिक शादियों में रिवाज़ के अनुसार दुल्हा दुल्हन को 13 सिक्के देता है जिसे स्थानीय भाषा में ‘आरस’ या यूनिटी कॉइन्स कहा जाता है जो दुल्हन के प्रति उसके भावी पति के वचन का प्रतीक होता है। हालांकि, आजकल दूल्हा और दुल्हन दोनों सिक्कों को साझा करते हैं जो एक दूसरे के प्रति ज़िम्मेदारी निभाने के वचन का प्रतीक होता है। रिसेप्शन के दौरान एक ख़ास रस्म दूल्हे के दोस्तों द्वारा निभाई जाती है जिसमें वे दूल्हे की टाई को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर वहीं नीलाम कर देते हैं। इसमें मिलने वाले रुपए नवविवाहित जोड़े को दे दिए जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से वर-वधू के सौभाग्य में वृद्धि होती है।
एक रस्म के अनुसार दुल्हन अपनी सहेलियों को छोटी पिन्स या ब्राइड कॉर्सेज ( फूलों से तैयार ब्रेसलेटनुमा आभूषण) देती हैं, और यदि रिसेप्शन के दौरान किसी लड़की से यह खो जाता है तो माना जाता है कि अगली शादी उसी की होगी।
इटली: सौभाग्य के के लिए दुल्हन घूंघट में लगाती है कट, शुक्रवार को नहीं होती शादी
इटली में सगाई पर किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं होता। युवक-युवतियां केवल दोनों परिवारों के लिए एक मीटिंग रखते हैं ताकि दाेनों परिवार एक-दूसरे को समझ सकें। कुछ क्षेत्रीय रिवाज़ों में शादी के दिन बुरी नज़र से दूर रहने के लिए दूल्हा अपनी जेब में लोहे का एक छोटा टुकड़ा और सौभाग्य प्राप्ति के लिए दुल्हन अपने घूंघट में छोटा-सा कट लगाती हैं। यहां शुक्रवार को शादी नहीं करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मान्यतानुसार यह दिन बुरी आत्माओं से सम्बंधित है। रविवार विवाह के लिए सबसे उपयुक्त दिन माना जाता है।
यहां शादी में दुल्हन के अलावा लोगों का सफ़ेद पोशाक पहनना अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए यहां काले रंग की ड्रेस पहनना चलन में है। कैथोलिक वेडिंग में दूल्हे को समारोह से पूर्व दुल्हन को देखने की अनुमति नहीं होती। चर्च हॉल में दुल्हन पिता के साथ आती है, तदोपरांत पिता उसका हाथ दूल्हे को सौंप देते हैं। कुछ क्षेत्रों में जोड़ा साथ में चर्च हॉल में आता है।
चर्च से बाहर निकलते वक़्त जोड़े पर चावल बरसाए जाते हैं जो उर्वरता का प्रतीक है। समारोह के बाद सभी व्यक्तिगत रूप से जोड़े को बधाई देते हैं। सभी मेहमानों को ‘बोम्बोनियरी’ यानी रिटर्न गिफ़्ट दिया जाता है जिसमें कॉनफेटी (शक्करयुक्त बादाम) विषम संख्या में रखी जाती है।
समारोह में एक विशेष प्रकार का नृत्य मेहमानों द्वारा किया जाता है जिसे ‘ला टेरेंटेल्ला’ कहा जाता है। सभी लोग एक हाथ पकड़कर घड़ी की दिशा में गोलाकार में घूमते हैं। जैसे-जैसे संगीत का स्तर बढ़ता है वे उल्टी दिशा में घूमने लगते हैं। हर बार संगीत की गति बदलते ही दिशा बदलना ज़रूरी है