भारत ने राजस्थान के पोखरण में Glide Bomb का परीक्षण किया है और ये परीक्षण पुर्णत: सफल रहा है। Glide Bomb को भारतिय एयर फोर्स के फाइटर विमान सुखोई से दागा गया, इस Glide Bomb का नाम गरुड़ और गुरुथमा है एवं 100 किमी इसकी रेंज है।
ग्लाइड बम डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने हैदराबाद की लैब में तैयार किया है। उड़ीसा के चांदीपुर में बीते साल समुद्र से भी इनका परीक्षण किया गया था। 1000 किलोग्राम वज़न का गुरुथमा ने 100 किलोमीटर दूर के अपने टारगेट को निशाना बनाया और वहीं, गरुड़ ने 30 किलोमीटर तक के टारगेट को निशाना बनाया। इन ग्लाइड बमों की खासियत ये है की इन से आसानी से दुश्मनों के ठिकानों को निशाना बना कर उन्हे नष्ट किया जा सकता है।
सबसे पहले जर्मनी ने इस तकनीक का इस्तेमाल किया था और फिर इसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस एवं रूस ने इन्हें विकसित किया। ग्लाईड बम का परीक्षण 2 दिन पहले किया गया, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते ये जानकारियां सार्वजनिक नहीं किया गया।
पाकिस्तान के 100 किलोमीटर का इलाका ग्लाइड बम के निशाने पर होगा। राजस्थान के पोखरण की फायरिंग रेंज में 2 दिन पहले ग्लाइड बम का सफल परीक्षण हुआ है। गुरुथमा और गरुड़ नाम के ये Glide Bomb को भारतिय एयर फोर्स के फाइटर जेट सुखोई से दाग कर परीक्षण किया गया। खुशी की बात ये है की इन ग्लाइड बमों को 2016 के अंत तक भारतीय एयरफोर्स (IAF)में शामिल कर लिया जायेगा। पाकिस्तान के 100 किलोमीटर का इलाका ग्लाइड बम के निशाने पर होगा