वित्त मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने कोविड-19 के चरम को सितंबर के महीने में पार कर लिया है। रिपोर्ट में 17 से 30 सितंबर के 14 दिनों के मामलों के डाटा को आधार बनाया गया है। मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा है कि बीमारी अब कम हो गई है और सभी हितधारकों से आग्रह है कि सकारात्मक सुधार के लिए आर्थिक सुधार पर जोर दिया जाए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान रोजाना पॉजिटिव मामलों की सात-दिवसीय औसत में लगभग 93,000 से 83,000 तक की गिरावट आई। जबकि सात-दिवसीय औसत दैनिक परीक्षण 1,15,000 से बढ़कर 1,24,000 हो गए।
सितंबर के लिए वित्त मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अखिल भारतीय स्तर पर पॉजिटिव मामलों की गिरावट दर आर्थिक सुधारों के मोर्चे पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। इसके लिए सभी हितधारकों को इस कार्य में शामिल होने की आवश्यकता है क्योंकि पहुंच और गतिशीलता पर शेष प्रतिबंधों को और कम किया गया है। सामाजिक दूरी से अधिक यह अब उचित सावधानियों के साथ आत्म-सुरक्षा बन गया है जो जान भी और जहान भी के संदर्भ में फिट बैठता है।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर में आर्थिक आंकड़ों की कमी लगभग सभी क्षेत्रों में एक स्थिर रिकवरी की ओर इशारा करती है। भारत हर दिन अनलॉक हो रहा है। ऐसे में मांग बढ़ना तय है। सितंबर के लिए वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार, ‘आर्थिक संकेतक लगभग सभी क्षेत्रों में लगातार सुधार की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं कुछ क्षेत्रों पिछले-साल के स्तरों से भी ऊपर पहुंच गए हैं।
ऐसा गैर-मेट्रो शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के बढ़ते मामलों और बढ़ती खाद्य कीमतों के बावजूद हुआ है। भारत में सितंबर में आत्मानिर्भर भारत पैकेज के कार्यान्वयन और अर्थव्यवस्था को अनलॉक करने के सकारात्मक परिणाम दिखाई दिए हैं।’
बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से झटका लगा था। जून की तिमाही में जीडीपी में लगभग 24 प्रतिशत की गिरावट आई थी। हालांकि अनलॉक की प्रक्रिया और आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की अनुमति देने से अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं।