भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सही फैसले लिए, जिसके कारण अन्य देशों की तुलना में हम बेहतर स्थान पर हैं.

यह कहना है विदेश मंत्री एस जयशंकर का. कोरोना वायरस को लेकर बनाए गए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में शामिल एस जयशंकर ने कहा कि जब महामारी पूरी दुनिया में फैलनी शुरू हुई तब हर देशों को अपनी ताकत को देखते हुए उसको जवाब देना था.
इंडिया ग्लोबल वीक 2020 में बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि दक्षिण कोरिया की टेस्ट करने की क्षमता अच्छी है. इसके अलावा जर्मनी का आईसीयू सिस्टम मजबूत है.
जयशंकर ने भारत की भूमिका को आगे बढ़ाने के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत दुनिया में दवाई का सबसे बड़ा उत्पादक है और एक बार वैक्सीन की खोज हो जाती है तो स्पष्ट रूप से इसे दुनिया के लिए सुलभ, सस्ती उपलब्ध कराने में हमारी भूमिका होगी.
उन्होंने कहा कि वैक्सीन से पहले कोरोनो वायरस से संबंधित दवाओं की मांग में वृद्धि हुई थी, तो हमने वास्तव में इसका मजबूती से जवाब दिया था. हमने 120 से अधिक देशों में दवाओं की आपूर्ति की है, जिनमें बहुत से छोटे देश शामिल हैं, जिनकी सामान्य रूप से उन तक पहुंच नहीं थी, क्योंकि उन दवाओं की मांग बहुत अधिक थी.
विदेश मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 21 दिनों के लिए 25 मार्च से पहली बार देश में लॉकडाउन लगाया गया था. इसके बाद ये 3 मई और फिर 17 मई तक के लिए बढ़ाया गया.
बाद में इसे 31 मई तक के लिए भी बढ़ाया गया. इसके बाद अनलॉक 1 और अनलॉक 2 के दौरान बड़ी संख्या में सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और खेल से जुड़ी गतिविधियों को अनुमति दी जा रही है.
कोरोना के बाद की दुनिया की राजनीति पर जयशंकर ने कहा कि बहुत सारे रुझान जो कोरोनो वायरस महामारी से पहले देखे जा सकते थे उसमें तेजी आएगी.
उदाहरण के तौर पर पिछले छह महीने में हमने जो देखा है वो ये है कि बहुत सारे देश राष्ट्रवादी व्यवहार कर रहे हैं. मैं एक हद तक इसे समझता हूं.
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