चीन और पाकिस्तान के नौसेना अभ्यास के मद्देनजर भारत ने अरब सागर में एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य को तैनात किया है। नई दिल्ली का यह कदम दोनों पड़ोसी देशों को सीधे संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
रणनीतिक मिशन पर तैनात युद्धपोत पर नौसेना मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी भी सवार थे। पाकिस्तान और चीन ने सोमवार को उत्तरी अरब सागर में नौ दिवसीय संयुक्त अभ्यास शुरू किया था। इसका मकसद दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और अंतर संचालन सहयोग बढ़ाना है।
सूत्रों ने बताया कि मिग 29के लड़ाकू विमान से लैस आईएनएस विक्रमादित्य को रणनीतिक उद्देश्य के साथ अरब सागर में भेजा गया है। चीन उत्तरी अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को विकसित कर रहा है, जिससे क्षेत्र में उसकी सैन्य मौजूदगी बढ़ी है। यह भारत के लिए चिंता का सबब है।
चीन पाकिस्तान के आर्थिक गलियारे के जरिये ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ा जाएगा। इससे चीन की अरब सागर में आवाजाही बढ़ जाएगी। अरब सागर से ही हिंद महासागर में प्रवेश किया जाता है, जहां चीन अफ्रीका के जिबूती में लॉजिस्टिक बेस को बना रहा है।
बीजिंग उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने शुक्रवार को शिनजियांग प्रांत में पीओके की सीमा के निकट चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल लियू वांगलोंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सीमा क्षेत्र प्रबंधन, द्विपक्षीय सैन्य संबंध और रक्षा सहयोग को लेकर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान सिंह चीनी सेना की 9वीं इंजीनियर रेजीमेंट का भी दौरा किया। सिंह सात जनवरी को यहां पहुंचे थे।