भारत की प्रगति से जलने वालों में पाकिस्तान के साथ-साथ चीन का नाम भी आगे है। ये दोनों ऐसे देश हैं जो भारत पर हमेशा बुरी नजर लगाए रहते हैं। हमेशा इस मौके की तलाश में रहते हैं कि कब भारत कोई गलती करे और उसकी जगहों को हड़प लिया जाए। जहां पाकिस्तान कश्मीर पर अपना कब्जा जमाना चाहता है, वहीं चीन अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख को अपने कब्जे में लेना चाहता है। लेकिन जब से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हुए हैं, तब से चीन को उसकी असली औकात पता चल गयी है।
चीन दिख रहा है भारत के आगे कमजोर:
कुछ दिनों पहले भारत ने चीन से आने वाले फलों के आयात को रोक दिया था, जिससे चीन को काफी नुकसान उठाना पड़ा। यह देखकर चीन को अहसास हो गया कि वह भारत पर निर्भर है और भारत से बैर रखकर उसका काम नहीं हो सकता है, इसलिए वह भारत के सामने घुटने टेक चुका है। चीन ने भारत से ऐसा कुछ कहा, जिसे सुनकर आपको यकीन नहीं होगा कि चीन ऐसा कुछ कह सकता है। यह पहली बार है, जब चीन कमजोर दिखाई पड़ रहा है।
सैन्य प्रभाव को बढ़ाने का नहीं कर रहा है प्रयास:
चीन न्यू सिल्क रोड (वन बेल्ट-वन रोड) पर काम कर रहा है और उसने सफाई दी है कि इससे वह अपने सैन्य प्रभाव में वृद्धि करने की कोई योजना नहीं बना रहा है। चीन अपनी सैन्य ताकत को विदेशी धरती पर बढ़ाने का कोई काम नहीं करेगा। यह सब चीन के रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का यह ड्रीम प्रोजेक्ट एशिया और अफ्रीका को सड़क, जल और रेल मार्गों से जोड़ने का है। एक सम्मलेन के दौरान उन्होंने कहा था कि यह शांति और उन्नति का प्रोजेक्ट है।
काफी समय से चल रहा है चीन और भारत के बीच सीमा विवाद:
भारत और चीन के बीच काफी समय से सीमा विवाद की वजह से तनाव चल रहा है। पिछली कोई भी सरकार ने चीन को सबक सिखाने में नाकामयाब रही, लेकिन जब से भारत की कमान नरेन्द्र मोदी ने संभाली है, चीन के चेहरे पर डर साफ तौर पर देखा जा सकता है। इससे पहले चीन भारत को हमेशा दबाता रहा है, लेकिन अब खुद दबता हुआ दिखाई पड़ रहा है। भारत ने चीन की गतिविधियों को देखते हुए बड़ा कदम उठाया और चीन अब सकते में आ गया है। इसी बीच पियूष गोयल ने भी कुछ ऐसा कह दिया कि अब डरने की बारी पाकिस्तान की है।
भारत में विदेशी कंपनियों के आने पर लगेगी रोक:
बिजली मंत्री पियूष गोयल ने साफ शब्दों में कहा कि भारत में किसी भी ऐसे देश की कंपनी को नहीं आने दिया जायेगा, जहां भारतीय कंपनियों पर प्रतिबन्ध लगा हुआ है। गोयल की बातों से साफ पता चलता है कि उनका इशारा किसी और की तरफ नहीं बल्कि चीन की तरफ है। उन्होंने यह भी कहा कि, “भारत कोई पंचिंग बैग नहीं है कि आप यहां आकर निवेश करें और कमाई करके चले जाएं, जबकि आपके यहां भारतीय कंपनियां जाकर कमाई नहीं कर सकती है। हम पारस्परिकता में विश्वास करते हैं।“
पहले भी कई बार भारत के आगे घुटने टेक चुका है चीन:
जानकारी के लिए आपको बता दें कि गोयल ने किसी भी देश का नाम नहीं लिया है। उनका बयान, मीडिया में चल रही इन खबरों के बाद आया है कि भारत जल्द ही बिजली क्षेत्र की परियोजनाओं में आने से चीन की कंपनियों पर रोक लगाएगा। चीन सुरक्षा कारणों का हवाला देकर अपने वहां बिजली के क्षेत्र में विदेशी निवेश पर रोक लगाये हुए है। यह पहली बार नहीं है, जब भारत ने चीन सरकार को झटका दिया है। फलों में कीड़े होने की वजह से चीनी फलों का आयात रोके जाने से चीन को काफी नुकसान उठाना पड़ा।